रास्ते में बरसाती नाले की रपट से पहले विश्राम ने तीनों को मोटर साइकिल से नीचे उतार दिया और खुद अकेले रपट पार करने लगा। तभी अचानक आए पानी के तेज बहाव में वह मोटर साइकिल सहित बह गया। यह देख पत्नी व पौत्र-पौत्री चिल्लाए, लेकिन वहां किसी के नहीं होने से कोई मदद नहीं मिल पाई। काफी देर तक तीनों चिल्लाते रहे। बाद में लोगों ने उन्हें चिल्लाते देखा तो पूछताछ की। इसमें प्रौढ़ के बह जाने की जानकारी मिलने पर लोग सकते में आ गए और पुलिस को इत्तला दी।
डेढ़ घंटे बाद दिखा शव
खबर फैलते ही ग्रामीण एकत्र हो गए और उन्होंने प्रौढ़ की तलाश शुरू की। करीब साढ़े दस बजे घाटोल चौकी प्रभारी एएसआई उदयलाल व कांस्टेबल रणजीत चौधरी मौके पर पहुंचे, लेकिन गोताखोर और तैराक नहीं होने से बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका। डेढ़ घंटे बाद पौने 12 बजे प्रौढ़ की तलाश में जुटे लोगों को पुल से कुछ दूर बबूल के पेड़ में कपड़े अटके दिखे। वहां पहुंचने पर प्रौढ़ का शव भी नजर आया। बाद में घाटोल निवासी राजू पाटीदार ने रस्सी के सहारे शव तक पहुंच उसे बाहर निकाला। रपट के समीप मिली बाइक को भी लोगों ने बाहर निकाला। बाद में पुलिस ने घाटोल चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया।
खबर फैलते ही ग्रामीण एकत्र हो गए और उन्होंने प्रौढ़ की तलाश शुरू की। करीब साढ़े दस बजे घाटोल चौकी प्रभारी एएसआई उदयलाल व कांस्टेबल रणजीत चौधरी मौके पर पहुंचे, लेकिन गोताखोर और तैराक नहीं होने से बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका। डेढ़ घंटे बाद पौने 12 बजे प्रौढ़ की तलाश में जुटे लोगों को पुल से कुछ दूर बबूल के पेड़ में कपड़े अटके दिखे। वहां पहुंचने पर प्रौढ़ का शव भी नजर आया। बाद में घाटोल निवासी राजू पाटीदार ने रस्सी के सहारे शव तक पहुंच उसे बाहर निकाला। रपट के समीप मिली बाइक को भी लोगों ने बाहर निकाला। बाद में पुलिस ने घाटोल चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया।
पुलिस को झेलना पड़ा आक्रोश
मौके पर किसी प्रशासनिक अधिकारी के नहीं पहुंचने पर लोगों ने पुलिस के समक्ष रोष जताया। पुलिस जब शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने लगी तो लोग गुस्सा उठे। लोगों का कहना था कि घटना के बाद भी कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। लोगों ने डेढ घंटे बाद भी गोताखोर नहीं आने पर भी रोष व्यक्त किया।
मौके पर किसी प्रशासनिक अधिकारी के नहीं पहुंचने पर लोगों ने पुलिस के समक्ष रोष जताया। पुलिस जब शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने लगी तो लोग गुस्सा उठे। लोगों का कहना था कि घटना के बाद भी कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। लोगों ने डेढ घंटे बाद भी गोताखोर नहीं आने पर भी रोष व्यक्त किया।
नहीं ले रहे सुध
सांसद मानशंकर निनामा के निवास से महज दो किमी एवं उपखण्ड मुख्यालय से महज आधा किमी दूरी इस बरसाती नाले की हर बार की यही कहानी रहती है। हल्की बारिश के दौरान रपट पर पानी आ जाता है। जिससे मार्ग बंद भी रहता है। इसके बावजूद न अधिकारी और न जनप्रतिनिधि सुध ले रहे हैं।
सांसद मानशंकर निनामा के निवास से महज दो किमी एवं उपखण्ड मुख्यालय से महज आधा किमी दूरी इस बरसाती नाले की हर बार की यही कहानी रहती है। हल्की बारिश के दौरान रपट पर पानी आ जाता है। जिससे मार्ग बंद भी रहता है। इसके बावजूद न अधिकारी और न जनप्रतिनिधि सुध ले रहे हैं।
बेटे कुवैत में, एक की थी शादी की तैयारी
मृतक विश्राम के दो बेटे कुवैत में रोजगाररत हैं। उसके पांच बेटियां भी हैं। वह मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता था। कुछ दिनों बाद दोनों बेटे भी घर आने वाले थे। एक बेटे पंकज की 19 जनवरी को शादी होनी थी। उसकी शादी की आरंभिक तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी। अब दोनों बेटों के आने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मृतक विश्राम के दो बेटे कुवैत में रोजगाररत हैं। उसके पांच बेटियां भी हैं। वह मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता था। कुछ दिनों बाद दोनों बेटे भी घर आने वाले थे। एक बेटे पंकज की 19 जनवरी को शादी होनी थी। उसकी शादी की आरंभिक तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी। अब दोनों बेटों के आने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।