इसलिए जरूरी है टोपी दरअसल, ठंड के मौसम में ठंड हवाएं कानों के रास्ते से शरीर में प्रवेश करती हैं। जो शरीर के तापमान में तेजी से परिवर्तन लाती हैं। शरीर के तापमान में तेजी से हुआ परिवर्तन वायरल के वायरस को पनपने के मुफीद होता है क्योंकि शरीर के सामान्य तापमान में जो एंटीबॉडी एक्टिव रहते हैं। बदले तापमान में इनकी सक्रियता खत्म हो जाती है और इस कारण ही वायरल लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। बच्चों और बड़ों दोनों के लिए टोपी पहनना जरूरी है।
ऐसे समझें स्वेटर का महत्व सर्द हवाओं में स्वेटर की भी अहम भूमिका है। कुछ लोग सर्दी को नजर अंदाज कर स्वेटर नहीं पहनते हैं, जो बहुत घातक है। क्योंकि सर्द हवाएं सीने की त्वचा पर सीधा असर डालती हैं और त्वचा का तापमान तेजी से गिरता है। जो खांसी-जुकाम और बुखार सरीखी बीमार का कारण है। शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए कानों और सीने को ढकना बेहद जरूरी है। इनके उपयोग से ठंड हवांए शरीर में नहीं जा पाती हैं और शरीर का तापतान नियंत्रित रहता ळै। जिससे एंटीबॉडी सक्रिय रहती हैं और वायरल का वायरस अटैक नहीं कर पाता है।
डॉ. निलेश परमार, फिजिशियन महात्मा गांधी अस्पताल