तीन साल पहले घोषित बांसवाड़ा लैब अब तक नाकारा, खाद्य नमूनों की जांच अब भी उदयपुर पर निर्भर
बांसवाड़ा. त्योहारी सीजन आते ही खाद्य पदार्थों में मिलावट पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हर बार जांच और कार्रवाई का हौव्वा तो खड़ा करता रहा है, लेकिन नमूने लेकर जांच के बंदोबस्त में फेल ही है। इसके चलते जिला मुख्यालय पर तीन साल पहले घोषित प्रयोगशाला अब तक चालू हो ही नहीं पाई है और जांच का अहम् कार्य उदयपुर की लैब के भरोसे ही है।
तीन साल पहले घोषित बांसवाड़ा लैब अब तक नाकारा, खाद्य नमूनों की जांच अब भी उदयपुर पर निर्भर
बांसवाड़ा. त्योहारी सीजन आते ही खाद्य पदार्थों में मिलावट पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हर बार जांच और कार्रवाई का हौव्वा तो खड़ा करता रहा है, लेकिन नमूने लेकर जांच के बंदोबस्त में फेल ही है। इसके चलते जिला मुख्यालय पर तीन साल पहले घोषित प्रयोगशाला अब तक चालू हो ही नहीं पाई है और जांच का अहम् कार्य उदयपुर की लैब के भरोसे ही है।विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों की जांच के लिए उदयपुर संभाग में दो लैब हैं। एक लैब संभाग मुख्यालय पर और दूसरी बांसवाड़ा में है। संभाग मुख्यालय की लैब में खाद्य नमूनों की जांच की जा रही है, लेकिन बांसवाड़ा की लैब नौ महीने से चालू तक नहीं हो पाई है। इन हालात में तमाम नमूनों पर उदयपुर की लैब में ही काम हो रहा है और इसमें समय लगने से रिपोर्ट मिलने में देरी पर कार्रवाइयां भी सुस्ता रही हैं। अगर दोनों लैब में नमूनों की जांच हो तो संभवतया रिपोर्ट कुछ हद तक समय पर आएगी। मिलावटखोरी पर लगाम कसना संभव होगा। गौरतलब है कि बांसवाड़ा में खाद्य नमूनों की जांच के लिए लैब स्थापित करने की घोषणा गत सरकार ने 3 वर्ष पहले की। फिर लैब तो तैयार हो गई, लेकिन स्टाफ नहीं मिला। जनवरी 2019 में यहां फूड एनालिस्ट नियुक्त किया गया। इसके साथ एक लैब टेक्निशियन, एक लैब अटेंडेंट भी लगाया गया, लेकिन करीब नौ माह बीतने के बाद भी लैब शुरू नहीं हो पाई है। त्योहारी सीजन में यह परेशानी त्योहारी सीजन में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भी बढ़ोतरी हो जाती है, लेकिन समय पर रोकथाम के प्रयास नहीं होते। ज्यादातर समय देखा गया है कि खाद्य पदार्थोंं के नमूने तो कई लिए जाते है, लेकिन जांच पूरी होने पर कई दिन निकल जाते हैं। वजह संसाधन की कमी होना है।शुरू हो तो भी परेशानीबांसवाड़ा लैब के लिए एक फूड एनालिस्ट, 3 लैब टेक्निशियन, एक जूनियर एनालिस्ट, एक अटेंडेंट का पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में यहां 3 पद ही भरे हैं। ऐसे में लैब शुरू होने पर भी काम करने में परेशानियां सामने आएंगी।जल्द शुरू होगी लैब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बांसवाड़ा डॉ.एचएल ताबियार का कहना है किलैब में छह की जगह तीन कर्मचारी हैं। हमने जयपुर बात की है। वहां से बताया गया है कि जल्द ही कुछ संविदा कर्मचारी उदयपुर से उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके बाद इस लैब में भी जांचें शुरू कर दी जाएंगी। तब बांसवाड़ा के साथ ही डूंगरपुर, प्रतापगढ़ से मिलने वाले नमूमों की जांच हो सकेगी।
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