नियमानुसार गैस सिलेण्डरों से भरा वाहन उपभोक्ताओं को होम डिलवरी के दौरान ही आबादी में प्रवेश कर सकता है। व्यस्ततम मार्गों के पास खड़े नहीं कर सकते। यदि गैस एजेंसी का कार्यालय हो तो भी कार्मिक उपभोक्ताओं की बुकिंग पर्चियां लेते समय वाहन को तो सुरक्षित स्थान पर ही खड़ा रखना होता है, लेकिन कतिपय गैस एजेंसियां नियमों की अनदेखी कर रही है। गैस सिलेण्डरों से ठसाठस भरे वाहन सडक़ मार्गों पर कतारबद्ध खड़े देखे जा सकते हैं। वाहन घंटों तक ये खड़े रहते हैं। व्यस्ततम मार्ग पर आते-जाते वाहनों के भिड़ जाने या किसी वजह से आग के संपर्क में आने पर हादसे का खतरा तो रहता ही है।
गैस सिलेण्डरों से भरे वाहन व्यस्ततम दाहोद रोड, रतलाम रोड, जयपुर रोड, उदयपुर रोड, डूंगरपुर-प्रतापगढ़ रोड खड़े दिखते हैं तो कॉलोनी के चौराहों, तिराहों एवं नुक्कड़-मोड़ पर भी खड़े रहते हैं।
शहर में घरेलू गैस की अवैध रूप से रिफलिंग का धंधा भी जोरों पर है। कारों के लिए एवं पेट्रोमेक्स आदि में शहर के कई क्षेत्रों में अवैध रूप से गैस भरने का धंधा फलफूल रहा है। इस स्थिति से भी कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
गैस सिलेण्डरों की करीब चार श्रेणियां है। इनमें घरेलू गैस में फुल साइज, आधी साइज, पेट्रोमेक्स और कॉमर्शियल। घरेलू गैस फुल साइज सिलेण्डर में 14.2 किलो गैस होती है। वहीं वाणिज्यक सिलेण्डर में 19 किलो गैस होती है।
गैस सिलेण्डरों से भरे वाहन होम डिलवरी के लिए ही प्रवेश कर सकते हैं। यदि आबादी एवं व्यस्ततम मार्गों या उनके किनारे पर खड़े रखे जाते हैं तो नियम विरूद्ध है। जांच कर कार्रवाई अमल में लाएंगे।
सोहनसिंह प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग, बांसवाड़ा