मौताणे की मांग को लेकर हंगामा हादसे की सूचना मिलते ही किशोर के परिजन मौके पर पहुंचे और मौताणे की मांग करने लगे। गुस्साए परिजनों ने हादसे को लेकर करीब 2 घण्टों तक नेशनल हाईवे जाम किया। इस दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंच कर परिजनों को काफी समझाया। इसके बाद लोगों ने जाम खोला। इस दौरान मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और जाम लगने से कई वाहनों की भी कतार लग गई। परिजनों ने शव को चौकी के बाहर रख दिया और मौताणे की मांग कर रहे थे।
5 घण्टों तक चली समझाईश चौकी के बाहर शव रखकर परिजनों ने मौताणे के रूप में 12 लाख रुपए की मांग की और हंगामा खड़ा कर दिया। हालाकि पुलिस की ओर से करीब 5 घण्टों तक समझाईश के बाद परिजनों ने मौताणे की मांग को छोड़ दिया और बिना किसी शर्त के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गए। क्षेत्र में हादसे की खबर चर्चा का विषय रही।
पहले भी उठी है मांगे जिले में मौताणे की मांगे पहले भी उठती रही है। इसमें पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि कई बार लोगों से समझाईश के बाद भी वह मौताणे की मांग पर अड़े रहते है। वहीं कुछ लोग समझदारी दिखाते हुए मौताणे की मांग को छोडक़र आगे की कार्रवाई में पुलिस का सहयोग करते है। मौताणा प्रथा एक कुप्रथा की तरह वागड़ क्षेत्र में जानी जाने लगी है।