विधानसभा में उठा फर्जी डिग्री का मामला सत्र 2012 से लेकर अब तक डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले के कई थानों का मोस्ट वांटेड रहे नरेंद्र पंड्या ने 2012 में बांसवाड़ा, परतापुर, सागवाड़ा और साबला आदि जगह पर अलग अलग नामों से नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र खोले। जहां पर सभी वर्गों के युवकों का प्रवेश इस बात की गारंटी के साथ किया जाता था कि अंत में दी जाने वाली नर्सिंग की डिग्री पूरे देश में मान्य है और वह राजस्थान सहित देश के किसी भी अस्पताल में नौकरी के लिए पात्रता रखेगा। लेकिन जब डिग्री मिलती थी तो संबंधित अस्पताल में जांच में फर्जी निकल जाती थी। इसके बाद ही नरेंद्र पंड्या के खिलाफ मामले दर्ज होना शुरू हुए।
दो बांसवाड़ा में और दो डूंगरपुर के थानों में प्रकरण दर्ज नरेंद्र पंड्या के खिलाफ बांसवाड़ा जिले के कोतवाली और गढ़ी में तथा डूंगरपुर के सागवाड़ा और निठाऊवा थाने में इसी को लेकर प्रकरण दर्ज है। पुलिस के अनुसार हाल ही में सागवाड़ा थाने की ओर से गिरफ्तारी के बाद अन्य थानों की ओर से भी वारंट पर गिरफ्तारी की जाएगी।
यों समझें पूरा मामला पुलिस के अनुसार पारडी निवासी कल्पना पत्नी संजय कोटेड एवं रतनपुरा निवासी गंगा पुत्र हाजिया डामोर ने संजीवनी कंसलटेंसी ऑफ नर्सिंग के नरेंद्र पंड्या एवं एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसमें प्रशिक्षण के लिए सत्र 2012 में प्रवेश लिया तथा सितंबर 12 से मार्च 14 तक प्रशिक्षण में उपस्थित रहे। गंगा ने सितंबर 12 से नियमित रहकर 2 वर्ष पूर्ण कर लिया। कल्पना ने 6 सितंबर 12 को संजीवनी नर्सिंग सेंटर में 10 हजार जमा कराए एवं माही एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की रसीद दी। इसके बाद टुकड़ों में 90 हजार जमा कराएं लेकिन कॉलेज संचालकों ने रसीद नहीं दी। गंगा डामोर ने संजीवनी नर्सिंग सेंटर में 16 अगस्त 2012 को 5 हजार, 20 अगस्त 2012 को 5 हजार जमा करा रसीद प्राप्त की। गंगा ने 90 हजार जमा कराए। छल, कपट एवं वेध नर्सिंग सेंटर बताकर रुपए हड़पे। वहीं एक साथी राकेश फरार है। पुलिस उसकी तलाशी कर रही है। थानाधिकारी रामेश्वर भाटी ने बताया कि कोर्ट ने आरोपित को जेल भेजा है और एक अन्य की तलाश की जा रही है।