राजस्थान बाल आयोग सदस्य एवं जेजे प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जिला परिषद बांसवाड़ा के सीईओ गोविन्द सिंह राणावत से भी चर्चा कर मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। पंड्या ने बताया कि बाल श्रम की ये स्थितियां जेजे एक्ट की धारा 75 व 79 का उल्लंघन हैं। तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग प्रकरण में गंभीरता से कार्रवाई करेगा। जिला बाल कल्याण समिति सदस्य मधुसूदन व्यास ने बताया कि विकास अधिकारी से रिपोर्ट जुटा रहे है। साथ ही ऐसे प्रकरणों पर अंकुश के लिए प्रशासन से भी चर्चा की जा रही है।