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बांसवाड़ा : थाना प्रभारी का मुंशी दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार, दहेज प्रताडऩा के मामले से नाम हटाने के एवज में मांगे रुपए

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बांसवाड़ाSep 25, 2018 / 02:43 pm

Varun Bhatt

banswara

Video : बांसवाड़ा : थाना प्रभारी का मुंशी दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार, दहेज प्रताडऩा के मामले से नाम हटाने के एवज में मांगे रुपए

बांसवाड़ा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डूंगरपुर की टीम ने सोमवार को अरथूना थाना प्रभारी के मुंशी (कांस्टेबल) को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए थाना परिसर से रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी कांस्टेबल भंवर लाल ने रिश्वत राशि पन्द्रह हजार रुपए दहेज प्रताडऩा के एक प्रकरण में से सात नामों में से छह जनों के हटाने की एवज में मांगी थी, लेकिन सौदा दस हजार में तय हुआ। जबकि परिवार कल्याण समिति की ओर से पूर्व में ही छह आरोपियों को निर्दोष साबित कर दिया था। इसके बावजूद पुलिसकर्मी लगातार रिश्वत राशि की मांग कर रहा था और जेल भिजवाने की धमकी दे रहा था।
चाचा भतीजे ने कराया प्रकरण दर्ज
ब्यूरो डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि परिवादी आनंदपुरी थाना इलाके के बावड़ी निवासी केशव लाल पुत्र हरीराम पटेल व उसके भतीजे अरविंद पुत्र भगवान दास पटेल ने 20 सितंबर को डूंगरपुर ब्यूरो के समक्ष सिपाही भंवर लाल के खिलाफ परिवाद दिया था। सत्यापन के बाद उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एक परिवाद पेश किया, जिसमें उन्होंने बताया कि दहेज प्रताडऩा के प्रकरण में नाम हटवाने के एवज में रुपए की मांग कर रहा है। इस पर ब्यूरो ने उसी दिन सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान सामने आया कि आरोपी छह जने के नाम निकालने के एवज में पन्द्रह हजार की मांग कर रहा है।
साथ नहीं देने पर जेल जाने एवं अन्य कार्रवाईयों की धमकी दे रहा था। इस पर परिवादी ने स्वयं को गरीब बताकर थोड़ा करने की कहा तो दस हजार में सौदा तय हो गया।इसके बाद तय दिन के हिसाब से ब्यूरो की टीम अरथाने के बाहर होटल पर तथा थाने से थोड़ा दूर खड़ी हो गई। परिवादी जैसे ही रुपए देकर थाने से निकले तो इसके ठीक बाद पुलिस कार्मिक भी थाने से बाहर निकला। इसके तुरंत बाद ब्यूरो की टीम आरोपी कांस्टेबल भंवर लाल पर झपट पड़ी और उसे रिश्वत राशि के साथ दबोच लिया।
निर्दोष साबित हुए फिर भी रिश्वतखोरी की
बांसवाड़ा. ब्यूरो के हत्थे चढ़ा पुलिस कांस्टेबल निर्दोष लोगों से भी रुपए ऐंठने में लगा हुआ था जबकि प्रकरण की पत्रावलियां भी थाने पर नहीं थी। प्रकरण में एक आरोपी की भी गिरफ्तारी के लिए समस्त पत्रावलियां पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक गई हुई थी। ब्यूरो के डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में परिवार कल्याण समिति बांसवाड़ा के परामर्श केन्द्र पर काउंसलिंग के बाद एक आरोपी को दोषी माना गया। अन्य छह जनों को निर्दोष मानते हुए प्रकरण से मुक्त करने के निर्देश हुए। इसकी पत्रावलियां थाने पर पहुंची। इसके बाद इस प्रकरण में एक आरोपी की गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस अधीक्षक से स्वीकृति लेने के लिए पत्रावलियां 22 सितंबर को पत्रावलियां बांसवाड़ा भेजी गई।
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