ब्यूरो डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि परिवादी आनंदपुरी थाना इलाके के बावड़ी निवासी केशव लाल पुत्र हरीराम पटेल व उसके भतीजे अरविंद पुत्र भगवान दास पटेल ने 20 सितंबर को डूंगरपुर ब्यूरो के समक्ष सिपाही भंवर लाल के खिलाफ परिवाद दिया था। सत्यापन के बाद उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एक परिवाद पेश किया, जिसमें उन्होंने बताया कि दहेज प्रताडऩा के प्रकरण में नाम हटवाने के एवज में रुपए की मांग कर रहा है। इस पर ब्यूरो ने उसी दिन सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान सामने आया कि आरोपी छह जने के नाम निकालने के एवज में पन्द्रह हजार की मांग कर रहा है।
बांसवाड़ा. ब्यूरो के हत्थे चढ़ा पुलिस कांस्टेबल निर्दोष लोगों से भी रुपए ऐंठने में लगा हुआ था जबकि प्रकरण की पत्रावलियां भी थाने पर नहीं थी। प्रकरण में एक आरोपी की भी गिरफ्तारी के लिए समस्त पत्रावलियां पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक गई हुई थी। ब्यूरो के डिप्टी गुलाब सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में परिवार कल्याण समिति बांसवाड़ा के परामर्श केन्द्र पर काउंसलिंग के बाद एक आरोपी को दोषी माना गया। अन्य छह जनों को निर्दोष मानते हुए प्रकरण से मुक्त करने के निर्देश हुए। इसकी पत्रावलियां थाने पर पहुंची। इसके बाद इस प्रकरण में एक आरोपी की गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस अधीक्षक से स्वीकृति लेने के लिए पत्रावलियां 22 सितंबर को पत्रावलियां बांसवाड़ा भेजी गई।