scriptवर्दी पर दाग: अपने और थानेदार के लिए पहले ले ली 20 हजार रुपए घूस, फिर 5 हजार के चक्कर में कांस्टेबल ट्रेप | Constable arrested while taking bribe, SHO absconding | Patrika News
बांसवाड़ा

वर्दी पर दाग: अपने और थानेदार के लिए पहले ले ली 20 हजार रुपए घूस, फिर 5 हजार के चक्कर में कांस्टेबल ट्रेप

-Banswara Crime News, ACB News, Bribe News
-बांसवाड़ा के पाटन थाने में एसीबी की कार्रवाई
-अपहरण का केस रफा-दफा करने की एवज में मांगी थी घूस

बांसवाड़ाJun 07, 2021 / 07:21 pm

Varun Bhatt

वर्दी पर दाग: अपने और थानेदार के लिए पहले ले ली 20 हजार रुपए घूस, फिर 5 हजार के चक्कर में कांस्टेबल ट्रेप

वर्दी पर दाग: अपने और थानेदार के लिए पहले ले ली 20 हजार रुपए घूस, फिर 5 हजार के चक्कर में कांस्टेबल ट्रेप

बांसवाड़ा. बांसवाड़ा जिले का पाटन थाना सोमवार को भ्रष्ट आचरण का दागी हो गया, जबकि इसके एक कांस्टेबल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पांच हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। युवती भगाकर नातरा विवाह करने पर अपहरण के आरोप में दर्ज मामले को रफा-दफा करने की एवज में यह राशि कांस्टेबल ने थानाधिकारी के लिए ली थी, जो ट्रेप की भनक पर फरार हो गया। इस पर टीम टुकड़ों में बंटकर मौका कार्रवाई के साथ पाटन थानाधिकारी की तलाश में भी जुटी। ब्यूरो के एएसपी माधोसिंह ने बताया कि इस संबंध में 4 जून को ही पाटन इलाके के वड़ला की रेल गांव के भीमा पुत्र नरसिंग मसार और उसके बेटे जीवणा ने उन पर दर्ज मामला निबटाने की एवज में 35 हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते कांस्टेबल लालशंकर पुत्र मावजी कटारा और थानाधिकारी सुभाष परमार के खिलाफ शिकायत की थी। दस हजार रुपए पहले दे चुके होना बताने पर उसी दिन सत्यापन करवाया गया, तो कांस्टेबल ने थानाधिकारी के लिए दस हजार और ले लिए। इससे पुष्टि हुई, वहीं संवाद में आगे कांस्टेबल ने बाकी राशि में रियायत कर पांच हजार रुपए और देने पर सिफारिश कर केस खत्म कराने का भरोसा दिलाया। इस डील के लिए तय दिन सोमवार को ही ब्यूरो ने ट्रेप की प्लानिंग की। हालांकि यह राशि भी कांस्टेबल ने ही ली, लेकिन उसकी धरपकड़ होने की भनक पर थानाधिकारी परमार फरार हो गया। इस पर शाम तक मौका कार्रवाई के साथ ब्यूरो की टीम परमार की तलाश में भी जुटी रही।
भांजगड़े के बाद चला रिश्वतखोरी का खेल
परिवादी पिता भीमा और उसके बेटे जीवणा के अनुसार बाजना क्षेत्र के लालपुरा निवासी फूलिया निनामा ने उसकी बेटी वसु को नातरा विवाह से भगाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए जीवणा व अन्य के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दी थी। मामले पर कांस्टेबल लालशंकर 18 मई को जीवणा व उसके पिता को थाने लाया। फिर भीमा व केस दर्ज करवाने वाले फूलिया के बीच भांजगड़ा हुआ। सामाजिक स्तर पर पंचों की मौजूदगी में वार्ता के समझौते की लिखा-पढ़ी हुई, तो उसे थाने में दिया गया। इसके बाद दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में लालशंकर ने अपने लिए 10 हजार और थानाधिकारी सुभाष परमार के लिए 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी। बकौल भीमा, 18 मई को ही लालशंकर को 10 हजार रुपए दे दिए, तो थानाधिकारी की बाकी राशि बाद में देने की बात हुई। फिर रुपयों की व्यवस्था नहीं होने से देने के लिए भीमा नहीं गया, तो 1 जून को कांस्टेबल लालशंकर उसके घर पहुंच गया और रुपए मांगे।
सत्यापन के दौरान थानाधिकारी के हिस्से के लिए थे दस हजार रुपए
एसीबी के एससपी सिंह के अनुसार कांस्टेबल का हिस्सा देने के बाद भीमा ने 4 जून तक 10 हजार का इंतजाम ही और कर पाना बताया, तो उसे अभी इतने देने को कहा गया। फिर 4 जून को रुपए देने जाने के बजाय भीमा और उसके बेटे ने एसीबी से शिकायत कर दी। तब उसी दिन सत्यापन कराया गया। इसके लिए भेजने पर पिता-पुत्र को भेजने पर थानाधिकारी परमार ने पूछा कि अभी कितने रुपए की व्यवस्था है। परिवादियों के 10,000 रुपए बताने पर परमार ने यह राशि अभी लालशंकर को सौंपने और बाकी बाद में देने की बात कही। फिर लालशंकर के उक्त राशि ले लेने से भी शिकायत पूरी तरह प्रमाणित हो गई। इसके बाद बची राशि को लेकर बातचीत में लालशंकर ने उसे कम करने की बात कही और पांच हजार और देने पर थानाधिकारी से कहकर मामला निबटा देने का भरोसा दिलाया।

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