परिवादी पिता भीमा और उसके बेटे जीवणा के अनुसार बाजना क्षेत्र के लालपुरा निवासी फूलिया निनामा ने उसकी बेटी वसु को नातरा विवाह से भगाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए जीवणा व अन्य के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दी थी। मामले पर कांस्टेबल लालशंकर 18 मई को जीवणा व उसके पिता को थाने लाया। फिर भीमा व केस दर्ज करवाने वाले फूलिया के बीच भांजगड़ा हुआ। सामाजिक स्तर पर पंचों की मौजूदगी में वार्ता के समझौते की लिखा-पढ़ी हुई, तो उसे थाने में दिया गया। इसके बाद दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में लालशंकर ने अपने लिए 10 हजार और थानाधिकारी सुभाष परमार के लिए 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी। बकौल भीमा, 18 मई को ही लालशंकर को 10 हजार रुपए दे दिए, तो थानाधिकारी की बाकी राशि बाद में देने की बात हुई। फिर रुपयों की व्यवस्था नहीं होने से देने के लिए भीमा नहीं गया, तो 1 जून को कांस्टेबल लालशंकर उसके घर पहुंच गया और रुपए मांगे।
एसीबी के एससपी सिंह के अनुसार कांस्टेबल का हिस्सा देने के बाद भीमा ने 4 जून तक 10 हजार का इंतजाम ही और कर पाना बताया, तो उसे अभी इतने देने को कहा गया। फिर 4 जून को रुपए देने जाने के बजाय भीमा और उसके बेटे ने एसीबी से शिकायत कर दी। तब उसी दिन सत्यापन कराया गया। इसके लिए भेजने पर पिता-पुत्र को भेजने पर थानाधिकारी परमार ने पूछा कि अभी कितने रुपए की व्यवस्था है। परिवादियों के 10,000 रुपए बताने पर परमार ने यह राशि अभी लालशंकर को सौंपने और बाकी बाद में देने की बात कही। फिर लालशंकर के उक्त राशि ले लेने से भी शिकायत पूरी तरह प्रमाणित हो गई। इसके बाद बची राशि को लेकर बातचीत में लालशंकर ने उसे कम करने की बात कही और पांच हजार और देने पर थानाधिकारी से कहकर मामला निबटा देने का भरोसा दिलाया।