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वाल्मीकि आदिवासी समाज :10 हजार कलशों की गंगाजल यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार, गेर नृत्य रहा आकर्षण

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बांसवाड़ाSep 12, 2018 / 02:54 pm

Ashish vajpayee

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वाल्मीकि आदिवासी समाज :10 हजार कलशों की गंगाजल यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार, गेर नृत्य रहा आकर्षण

बांसवाड़ा. बागीदौरा. वाल्मीकि आदिवासी समाज के तत्वावधान में मंगलवार को निकाली गंगाजल कलश यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां करीब दस हजार कलशों में गंगागजल भकरकर कलशयात्रा बेणेश्वधाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज, बालावाड़ा हरि मंदिर धाम के संत रामलाल, रूपाजी महाराज व कचरू महाराज के सान्निध्य में गाजे बाजे के साथ नए बस स्टैड से शुरू हुई। जो पुराना बस स्टैंड, नगर के प्रमुख मार्गों से होकर वणसौर तालाब पहुंची। कलश यात्रा में बागीदौरा विधायक महेन्द्रजीतसिंह मालवीया व प्रधान सुभाष तम्बोलिया के नेतृत्व में हजारों मावभक्त शामिल हुए।
इस दौरान भुवानपुरा के मावभक्तों ने गेर नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा वणसौर तालाब पहुंच कर यात्रा के साथ प्रधान कलश उठाए जिला प्रमुख रेशम मालवीया, प्रधान शांता गरासिया, धर्मिष्ठा पटेल, कल्पना, हर्षलता तम्बोलिया, आशा खुशपाल कटारा, आशा प्रेेमजी रेंगणिया के कलशो का पंडित पूर्णाशंकर जोशी व मोहन जोशी ने पूजन किया। यहां से श्रद्धालु कलश सिर पर धारण जुलूस के रूप में राउमावि के खेल मैदान पर पहुंचे। जहां सहित विभिन्न वृक्षों पर जिलाभिषेकर कर कलशों का विसर्जन किया गया।
चार्तुमास कमेटी के अध्यक्ष विठ्ठल भगोरा, सचिव केंरेंग कटारा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन पाटीदार, वालेंग भाई, रमेश, बापूलाल डामोर सहित अन्य मौजूद रहे। बागीदौरा में महंत अच्युतानंद महाराज के चार्तुमास के समापन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। प्रवचन में महंत ने मावभक्तो से कुरीतियां त्यागने व शराब व नशे जैेसे व्यसनों से दूर रहने का सकंल्प दिलवाया। कलश यात्रा में राजस्थान, मध्यप्रदेश व गुजरात से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। संचालन दिनेश चरपोटा ने किया।
जयकारों संग निकाले जुलूस
कुशलगढ़. क्षत्रिय राठौर समाज के तत्वावधान में बाबा रामदेव का जन्म महोत्सव भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर थांदला रोड, हिरन नदी के तट पर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में आकर्षक सजावट व प्रतिमा का शृंगार कर किया गया। विशेष पूजा अर्चना के साथ धार्मिक आयोजन हुए। दोपहर में बाबा रामदेव मंदिर शिखर पर मुकेश बारोडीया परिवार द्वारा ध्वजा चढ़ाई गई। शाम को गाजेबाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में युवक केसरिया शाफा पहने गरबा नृत्य व जयकारे लगाते हुएं चल रहे थे। लाभार्थी रामचन्द्र मानसिंह बारोडीया दंपती बग्घी में सवार थे। महिलाएं मगल गीत गाती हुई चल रही थी। शाम को बाबा रामदेव की महा आरती की गई।

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