दरअसल, खून या अन्य जांच के लिए अस्पताल में सैंपल लेने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक का है। ऐसे में ओपीडी के मरीज यदि 12 बजे के बाद सैंपल देने के लिए पहुंचता है तो उसे बैरंग लौटना पड़ता है क्योंकि 12 बजे के बाद लैब में सैंपल नहीं लिया जाता है। जिस कारण मरीज को दूसरे दिन अस्पताल आकर सैंपल देना होता है। फिर शाम को उसे जांच रिपोर्ट प्राप्त होती है। जिसके बाद उसका उचित उपचार प्रारंभ हो पता है। यानी मरीज का जो उपचार तत्काल प्रारंभ हो जाना चाहिए। वो 28 से 30 घंटे बाद शुरू हो पाता है। यह बात दीगर है कि लक्षणों के आधार पर चिकित्सक दवा लिख कर उपचार शुरू कर देते हैं।
बांसवाड़ा. आंबापुरा थाना क्षेत्र के शकरवट गांव में मंगलवार को मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई। एक नवजात को उसे जन्म देने वाले मक्का के खेत में डाल कर चले गए। बाद मेंे पुलिस ने महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया। ग्रामीणों के अनुसार शाम को मक्का के खेत में बच्चा नग्नावस्था में था। वहां से गुजरते हुए किसी ग्रामीण ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी। मौके पर जाकर देखा तो बच्चा पड़ा हुआ था। जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस कंट्रोल में सूचना दी। आंबापुरा थाना अधिकारी नागेंद्र सिंह ने बताया कि मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से बच्चे को महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि अज्ञात आरोपी के खिलाफ नवजात को लावारिस रूप से फेंकने का प्रकरण दर्ज किया गया है।