घटना को लेकर देर रात मृतक के बड़े बेटे बापूलाल अहारी ने पुलिस को रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वह शाम को समाज में नोतरे के कार्यक्रम में गया था। पीछे माता-पिता और छोटा भाई गोविंद ही थे। रात को मां खाना बना रही थी। इसी बीच, पिता बाहर की तरफ खाना खा रहे होने से मां उन्हें परोसने गई तो अंदर मनोरोगी भाई गोविंद ने अचानक चूल्हे से जलती लकड़ी उठाकर उछाल दी। इससे घर के डांडों में आग लग गई। सूखे डांडों में देखते ही देखते आग बढ़ी तो जानकारी पर माता-पिता चीखने-चिल्लाने लगे, लेकिन गांव में नोतरे के चलते डीजे बज रहा होने से लोगों को सुनाई नहीं दिया। फिर धुआं उठते देखकर लोग दौड़े।
मृतक के परिजनों के अनुसार गोविंद की करीब दो साल से दिमागी हालत सही नहीं है। उसकी इस हरकत से आग में पूरा घर जलने से अहारी परिवार के मुखिया की मौत हुई, वहीं खाने के अनाज तक का संकट हो गया। ऐसे में गांव के लोग मदद के लिए आगे आए। मामले को लेकर दूसरे दिन एएसआई अब्दुल हकीम ने बांसवाड़ा में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपा। मामले में अब अग्रिम जांच सीआई लक्ष्मण डांगी कर रहे हैं।