शहर में बंद की वजह से आम दिनों की तरह गुरुवार को दुकाने खुली नजऱ नहीं आईं और लेकिन आवागमन के साधन सामान्य दिनीं की तरह ही यात्रियों को मिले। गौरतलब है कि एसटी-एससी एक्ट के विरोध में सामान्य और ओबीसी वर्ग के आह्वान पर भारत बन्द का एलान किया गया था। बांसवाड़ा शहर बल्कि पूरे जिले में ही बन्द का असर सुबह से दिखने लगा।
बाजार की तरह ही कई निजी स्कूलों ने पूर्व में अवकाश की घोषणा कर दी। जिसके तहत शहर के कई स्कूलों में अवकाश रहा। सूत्रों के अनुसार निजी स्कूलों ने अवकाश की घोषणा एहतियात के तौर पर की है। हालांकि कई निजी स्कूल खुले भी लेकिन माहौल को देखते हुए सुबह ही बच्चों की छुट्टी कर दी गई।
इधर सडक़ पर रोडवेज बसें और अन्य निजी सवारी वाहन सामान्य दिनों की तरह सडक़ों पर दौड़ते नजर आये। चित्तौडगढ़़ और डूंगरपुर सहित अन्य शहरों के लिए बांसवाड़ा आगार से बसें रवाना की गईं। साथ ही निजी बसों का संचालन भी जारी रहा।
स्वेच्छा से किये गए इस बन्द में सभी ने सहयोग किया। आलम यह रहा की मुख्य बाजारों के साथ ही गली मोहल्ले और गांवों में भी दुकाने बन्द नजर आईं। हां कुछ आवश्यक मसलन दवा फल आदि की दुकानें खुली रहीं।
बन्द के आह्वान को लेकर विभिन्न संगतनों के कार्यकर्ताओं ने बन्द के आह्वान करते हुए जूलूस निकाला और खुले प्रतिस्थानों के संचालकों से बन्द का आह्वान किया। कई युवाओं ने बाइक रैली निकालकर विरोध जताया और बंद का समर्थन किया।