बांसवाड़ा : खरीफ की फसल में खराबे के बाद रबी की फसल से बढ़ी किसानों की उम्मीद, बुवाई की तैयारियों जोरों पर
Rabi crop sowing : गत वर्ष की तुलना में लक्ष्य छह हजार हैक्टेयर बढ़ाया
बांसवाड़ा : खरीफ की फसल में खराबे के बाद रबी की फसल से बढ़ी किसानों की उम्मीद, बुवाई की तैयारियों जोरों पर
बांसवाड़ा. जिले में देरी से विदा हुए मानसून के बाद अब किसान रबी बुवाई की तैयारियों में जोर-शोर से जुट गया है। कृषि विभाग ने रबी बुवाई का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में करीब छह हजार हैक्टेयर ज्यादा तय किया है। गौरतलब है कि इस बार बारिश का दौर नवरात्रि तक चलता रहा। जिसके चलते किसानों को खरीफ की फसल में 90 प्रतिशत तक नुकसान झेलना पड़ा है। उसे भूलकर किसान फसल कटाई के बाद जुताई एवं बुवाई में लगे हैं। किसान परंपरागत फसल गेहूं के साथ इस बार चना बुवाई पर भी विशेष जोर दे रहे हैं। इसके अलावा मक्का एवं जौ के अलावा पशुओं के लिए चारा व अन्य फसलों में सब्जी आदि पर भी फोकस है। इस बार के बुवाई का लक्ष्य गत वर्ष के मुकाबले करीब छह हजार हैक्टेयर अधिक है। गत वर्ष रबी की बुवाई 1 लाख 19 हजार 260 हैक्टेयर हुई थी। जिले में अब तक औसतन 15 से 20 प्रतिशत रबी की बुवाई हो पाई है। इनमें गेहूं की बुवाई करीब 700 हैक्टेयर, मक्का 1700, जौ 110, चना 9000 तथा चारा व अन्य 4000 हैक्टेयर में बोया जा चुका है। मानसून की देरी से विदाई के कारण इस बार किसान खेतों को रबी बुवाई के लिए तैयार करने में पिछड़ गए। ऐसे में दिसंबर तक बुवाई का दौर चलने की संभावना है। कृषि विस्तार उप निदेशक भूरालाल पाटीदार ने बताया कि फिलहाल 15 से 20 प्रतिशत बुवाई हो पाई है। विभाग की ओर से खाद की पर्याप्त उलब्धता सुनिश्चित की गई है।