यूं खुली पोल : -स्पोट्र्स बोर्ड के सचिव की ओर से टीम मैनेजर की नियुक्ति संबंधी आदेश निरस्त करने के संबंध में पूछने पर चेयरमैन राव ने कहा कि हैंडबॉल टीम में सुजीतसिंह के बेटे का चयन गलत हुआ। उसके कॉलेज की टीम खेलने ही नहीं आई थी। उसका चयन नहीं होना चाहिए था। मैं अभी पुणे में हूं। मुझे बताया कि टीम मैनेजर के पुत्र का नाम भी टीम में है। यदि वह जाना चाहता है तो कहा कि उसे भेज देंगे। राव के अनुसार जिस कॉलेज की टीम से खिलाड़ी का चयन किया है, वह तो चयन ट्रायल में खेलने ही नहीं आई थी। चयन जनरल रैफरी, आयोजक व पर्यवेक्षक ने किया। इन लोगों ने मिलीभगत कर उस खिलाड़ी का नाम चयन सूची में चढ़ा दिया। जबकि विवि के अनुसार उक्त खिलाड़ी जा ही नहीं सकता है। राव ने कहा कि उन्होंने यह जरूर कहा कि खिलाड़ी टीम के साथ नहीं जा पाएगा, लेकिन उसके पिता बतौर मैनेजर टीम लेकर जा सकते हैं। मेरे पास कॉल आया तो मैंने कहा कि भेजो। आज मेरी सहमति के आधार पर मैनेजर नियुक्ति आदेश वापस लिया है। जहां तक विरोधाभासी बयान का मामला है, मैं मंदिर में था, सो अधिक नहीं बता पाया था। गौरतलब है कि उक्त बयान के पहले इससे पहले राव ने कहा था कि आदेश निरस्त किया है तो कोई कारण रहा होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं है। मामले में जीजीटीयू के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि टीम में पुष्पेंद्रसिंह चौहान, मनोज कुमार सेवक, प्रशांत टेलर, विनोद कुमार कटारा, वीरेंद्रसिंह चौहान, जयदीपसिंह अहाड़ा, हितेश नाई, निमेश तीगर, जन्मेजयसिंह चौहान, मयूरराजसिंह चौहान, माधवसिंह राठौड़ और गौरव गौरी को सम्मिलित किया है। मैनेजर नियुक्ति निरस्त के संबंध में बोर्ड चेयरमैन से बात कीजिए। आपने जानकारी दी है तो मैं बात करता हूं। यह छापने वाली बात नहीं है। ऐसा थोड़े ही होता है कि चेयरमैन अलग चलेगा और सचिव अलग चलेगा। मैं जानकारी लेकर पता करता हूं।