नरपतसिंह ने बताया कि कॉलेज के दिनों में ऑटो से टकरा गए थे और इस हादसे में घुटने के ऊपर ऑटो का पहिया आ गया था। इस कारण घुटने की सर्जरी हुई और 22 टांके आए थे। अभी भी घुटना पूरी तरह से मुड़ता नहीं है। लेकिन इसके बावजूद संकल्प लिया और इसे पूरा करने के लिए वह आधुनिक साइकिल के माध्यम से यात्रा पर निकले है। नरपत सिंह बताते है कि स्कूल के दिनों में शिक्षक एक चॉकलेट के बहाने पौधा लगवाते थे। इसी लालसा ने उन्हें पर्यावरण प्रेमी बना दिया। नरपत सिंह ने छह वर्ष पहले अपनी बहन की शादी में दहेज और गिफ्ट के तौर पर 251 पौधे दिए थे। अब तक छह वर्षों में 83 हजार पौधे लगा चुके हंै। वहीं वन्य जीवों का शिकार करने वाले कई लोगों को पकड़वाया है।