एक मार्च को श्रमिक मचान बनाकर पूर्व दिशा की ओर से आगे की कुर्सियों के पास फॉल सिलिंग की मरम्मत कर रहे थे। शाम को चौकीदार ने धुआं निकलने पर अंदर जाकर देखा तो आग लगी पाई। घटना में तीन लाइनों की 42 कुर्सियां,14 एयर कंडीशनर जल गए थे। दीवारें काली हो गई थीं। घटना में लाखों रुपए का नुकसान हुआ था। इसके बाद जिला कलक्टर ने एवीवीएनएल तथा पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता, नगरपरिषद आयुक्त और फायर ऑफिसर को शामिल कर जांच समिति गठित की थी, जिसने घटना का कारण किसी ज्वलनशील पदार्थ या वस्तु से आग लगने की संभावना जताई थी।