उन्होंने ईश पूजा की महत्ता बताते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को वासनाओं और लोलुपताओं को छोडकऱ निष्काम भाव से कर्म के साथ निर्धन और असहाय लोगों की सेवा कर सच्चे कर्मयोगी की भांति आचरण करना चाहिए। उन्होंने गीता के कर्मयोग को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि विषय वासनाओं को त्यागना और कर्म में आसक्ति रखना ही गीता का दर्शन है। इसी से व्यक्ति भवसागर से पार हो सकता है। इस मौके पर संत रामदास त्यागी रामबाबा, शांतिलाल चौबीसा, महेश उपाध्याय, सत्यनारायण टांक, कमलेश टांक, महेश गुप्ता, पराग काटुवा, दीपक मेहता, कमलेश शर्मा, मीनाक्षी त्रिवेदी, दिलीप गुप्ता सहित विभिन्न राज्यों से पहुंचे गुरु भक्त मौजूद थे।
बुधवार को हेमामालिनी की नृत्य नाटिका
निखिलेश त्रिवेदी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान ध्यानयोगी के सान्निध्य में सुंदरकांड और भजन संध्या के साथ 25 जुलाई को रात 8 बजे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री व नृत्यांगना हेमामालिनी द्वारा कृष्ण नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्य कार्यक्रम 27 जुलाई को होगा, जिसमें सुबह 10 बजे से सामूहिक गुरु पूजन, दोपहर 2 बजे से गुरुमंत्र दीक्षा तथा महाप्रसादी दोपहर 12.30 बजे से होगी। इस दौरान गुरु पाद पूजन और अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शहरवासियों में हेमामालिनी के बांसवाड़ा आने की खबर से उत्साह बना हुआ है