होली के त्योहार को लेकर पिछले दिनों की अपेक्षा शनिवार को ही बाजार में दोपहर बाद भीड़ नजर आई। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने होली पर अपने घरों में होने वाले सामाजिक आयोजनों में आने वाले मेहमानों के स्वागत सत्कार के लिए आवश्यक सामग्री क्रय की। होली पर रंग और पिचकारियों की जगह-जगह खुली फुटकर दुकानों पर भी खरीदारी की। हालांकि बाजार में विगत कुछ दिनों से ढूंढोत्सव को लेकर लोग ढूंढिए, आभूषण, वस्त्रादि की खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन प्रतिवर्ष की भांति दिखने वाली बाजारी रौनक कुछ कम ही है।
यह होंगे आयोजन दो दिवसीय होली के त्योहार पर सामूहिक ढूंढोत्सव होगा। कई स्थानों पर प्रज्वलित होली के चारों ओर और कई जगह धुलेंडी की सुबह नवजात शिशुओं को गोद में लेकर पूजन उपरांत परिक्रमा कराई जाएगी। इसके बाद रंगोत्सव की शुरुआत होगी। होली पर किसान होलिका को नवान्न भी अर्पित करेंगे। ग्रामीण इलाकों में गढ़ भेदन सहित अन्य आयोजन होंगे।
यह रहेगा मुहूर्त पं. मुरलीधर पंड्या के अनुसार रविवार को होलिका दहन का मुहूर्त दो वेलाओं में रहेगा। प्रदोष काल में शाम 6.46 बजे से लेकर 8.13 बजे तक शुभ वेला में होलिका दहन किया जा सकेगा। चौघडिय़ा बदलाव के चलते 8.14 बजे से 8.56 बजे तक होलिका दहन होगा। इसके उपरांत होलिका दहन का मुहूर्त नहीं है।
‘हिंदू संस्कृति का अपमान इधर, वरिष्ठ भाजपा नेता भवानी जोशी ने राज्य सरकार पर भेदभाव पूर्ण नीति का आरोप लगाया है। उन्होंने होली व धुलेंडी का समय निर्धारण करने पर रोष व्यक्त करते हए कहा कि पहले तो सभी धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई और बाद में दबाव पडऩे पर शाम का समय तय किया। गृह विभाग ने शाम 4 से रात 10 बजे तक की छूट दी गई है, जबकि धुलेंडी हमेशा सुबह खेली जाती है। दोपहर तक इसका समापन हो जाता है। गृह विभाग के अधिकारी देश की संस्कृति तक को भूल गए हैं। उन्होंने संशोधित आदेश जारी कर धुलंडी की छूट सोमवार सुबह से दोपहर तक देने की मांग की।