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बांसवाड़ा

प्री-मानसून की बारिश के साथ तूफानी हवा ने गांवों में मचाई तबाही, 1200 मकान क्षतिग्रस्त, सैंकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे टूटे

Pre-Monsoon In Rajasthan : बारिश के साथ मानो आया बवंडर, घाटोल क्षेत्र में जो आड़े आया कर दिया धराशायी, तीन पंचायतों के सैंकड़ों मकानों को नुकसान

बांसवाड़ाJun 25, 2019 / 12:42 pm

Varun Bhatt

banswara

प्री-मानसून की बारिश के साथ तूफानी हवा ने गांवों में मचाई तबाही, 1200 मकान क्षतिग्रस्त, सैंकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे टूटे

बांसवाड़ा/घाटोल. जिले में प्री-मानसून (Pre-Monsoon In Banswara) की बारिश के साथ तूफानी हवा का क्रम तबाही मचा रहा है। रविवार शाम करीब पांच बजे घाटोल क्षेत्र में बारिश के साथ आए बवंडर ने तीन पंचायतों के सैकड़ों घरों में जबर्दस्त तबाही मचाई। इससे कई पेड़ गिर गए, वहीं बिजली के खम्भे भी धराशायी हो गए। इस घटनाक्रम से रातभर लोग सहमे रहे। घरों में हुई घटनाओं के दौरान एक महिला के सिर में चोट आई, वहीं एक पाड़ला की बालिका के पैर में फ्रेक्चर हो गया। एक बाड़े में बंधे चार मवेशी मर गए। सुबह सूचना पर विधायक हरेंद्र निनामा के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पहुंचे और पीडि़तों से कुशलक्षेम पूछी। क्षेत्रवासियों ने बताया कि बड़ा नुकसान मियासा, पाड़ला व मुड़ासेल पंचायतों में हुआ। यहां बड़ी संख्या में पेड़ धराशायी हो गए। करीब 1200 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं चार मवेशी पेड़ व मकानों के मलबे में दबने से काल का ग्रास बन गए। बवंडर से कस्बे के मुख्य मार्ग पर सैकड़ों बड़े पेड़ गिरने से गांव के मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गए। साथ ही बिजली के डेढ़ दर्जन खम्भे भी क्षतिग्रस्त हो गए। इससे गांव में बिजली गुल हो गई।
जान बचाने को भागना पड़ा
घाटोल क्षेत्र में जगह-जगह पेड़ गिर जाने व कवेलूपोश घरों के छप्पर, टीनशेड उडऩे से लोगों का बचना मुश्किल हो गया। लोग जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे। करीब आधे घंटे के तूफानी दौर में मियासा, पाड़ला व मुड़ासेल के कई गांवों में पेड़, मकानों को नुकसान हुआ। रात गुजारने के बाद सोमवार सुबह प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही घाटोल विधायक हरेन्द्र निनामा, प्रधान सोनादेवी, एसडीओ दिनेश मंडोवर, तहसीलदार, विकास अधिकारी समेत पूरा प्रशासनिक लवाजमा व जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे एवं स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को सरकार से हरसम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
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ऐसी तबाही पहली बार
पाड़ला सरपंच गोपाल ने बताया कि इस क्षेत्र में ऐसी तबाही पहली बार हुई है। पहले करीब 20 मिनट तक बारिश हुई। इसके बाद बारिश थम गई, लेकिन तेज हवा के साथ बवंडर सा उठा, जो पाड़ला, मयास, मुड़ासेल, गोजराठौर, खूटियां डूंगरी, गरड़ा, मारिया से होते हुए भूंगड़ा क्षेत्र से होकर माहीडेम की ओर निकल गया। बारिश व तूफान के दौरान मची तबाही से घरों में हुए नुकसान के साथ खाने-पीने, सोने-ओढऩे समेत सभी घरेलू सामान खराब हो गया। सोमवार सुबह लोगों ने क्षतिग्रस्त आशियानों को संवारने के साथ खाद्य सामग्री, अनाज, बिस्तर, कपड़ों के इंतजाम में लगना पड़ा।
बिजली लाइन की नहीं सुध
तूफान के दौरान घरेलू कनेक्शन की थ्री फेज एवं जल स्रोत कुओं, ट्यूबवेल आदि पार जा रहे कनेक्शन की लाइनों के खम्भे टूटने से तार जमीन पर पड़े हुए हैं। इनकी निगम कार्मिकों की ओर से सोमवार को कोई सुध नहीं ली गई। बिजली गुल रहने के चलते दिन में लोग गर्मी से बेहाल रहे तो, रात भी अंधेरे में गुजारने को मजबूरी बन गई। तूफान के दौरान गिरे पड़ों को सडक़ मार्गों से पंचायत प्रशासन से जेसीबी से हटवाए। इसके बाद पीपलखूंट-भूंगड़ा, घाटोल से पाड़ला आदि मार्गोँ पर दोपहर एक बजे बाद आवागमन सुचारू हो सका। इस बीच लोगों को भारी परेशानी रही।
मिला है मदद का आश्वासन
पाड़ला सरपंच गोपाल ने बताया कि क्षेत्र में रविवार शाम आए चक्रवती बवंडर ने भारी तबाही की है। तीन पंचायत क्षेत्रों में करीब 1200 मकानों में नुकसान होने के साथ, पेड़ गिर गए। खम्भे टूट गए। विधायक व प्रशासन ने दौरा कर नुकसान का जायजा लिया है। हर घर में नुकसान की रिपोर्ट बना कर हर संभव मदद का प्रशासन व विधायक ने आश्वासन दिया है।

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