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बांसवाड़ा : शिक्षिका का पहले माध्यमिक शिक्षा में पदस्थापन, फिर गंभीर रोग से पीडि़त बताकर प्रारंभिक शिक्षा में भेजा!

6-डी सेटअप परिवर्तन में मनमर्जी से आदेश

बांसवाड़ाJul 15, 2019 / 04:07 pm

Varun Bhatt

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बांसवाड़ा : शिक्षिका का पहले माध्यमिक शिक्षा में पदस्थापन, फिर गंभीर रोग से पीडि़त बताकर प्रारंभिक शिक्षा में भेजा!

बांसवाड़ा. जिले में विगत माह हुई 6-डी के अन्तर्गत काउंसलिंग में एक के बाद अनियमितताएं सामने आ रही हैं। एक चौंकाने वाला मामला ऐसा सामने आया है, जिससे साफ है कि शिक्षा विभागीय अधिकारियों ने नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा दीं और मनमर्जी से आदेश किए हैं। मामले में पहले एक शिक्षक व एक शिक्षिका के काउंसलिंग के बाद समायोजन/ पदस्थापन के आदेश निकाले और बाद में गंभीर रोग से पीडि़त बताकर वापस प्रारंभिक शिक्षा में भेज दिया। जबकि वह गंभीर बीमारी से पीडि़त ही नहीं हैं। ऐसे में पदस्थापन और समायोजन के नाम पर चेहतों को लाभ देने की बू आ रही है। सूत्रों के अनुसार जून में काउंसलिंग में प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक लेकर पदस्थापन और समायोजन के आदेश तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक की ओर से जारी किए। इसके बाद जुलाई के पहले सप्ताह में करीब दस शिक्षकों की सूची जारी की गई। इसमें काउंसलिंग के दौरान राउप्रावि सुंदरग्राम से राउमावि बड़ी पड़ाल में समायोजित एक शिक्षिका व एक अन्य शिक्षक को गंभीर रोग से पीडि़त बताकर प्रारंभिक शिक्षा में भेजा गया, जबकि काउंसलिंग व पदस्थापन के बाद पुन: प्रारंभिक शिक्षा में भेजने के राज्य सरकार के नियम ही नहीं है।
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यहां भी गड़बड़ी
जानकारी के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह के आदेश में छह शिक्षिकाओं को नियुक्ति के समय अप्रशिक्षित बताकर प्रारंभिक शिक्षा को सौंपा है, जबकि नियुक्ति के बाद प्रशिक्षित होने पर इसकी दिनांक से वरीयता में लेकर उनके नाम जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ने सेटअप परिवर्तन के लिए भेजे थे और काउंसलिंग में सम्मिलित कर पदस्थापन दिया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को लेवल प्रथम का माना, जबकि एसटीसी उत्तीर्ण होने के बाद अप्रशिक्षित होने का सवाल ही नहीं है। ऐसे में इन्हें नियुक्ति से अप्रशिक्षित होने का कारण बताकर प्रारम्भिक शिक्षा को सौंपना नियमों के खिलाफ है। इसके अतिरिक्त दो शिक्षिकाओं का लेवल के विपरीत विषय में समायोजन पदस्थापन माध्यमिक विद्यालयों में किया। बाद में लेवल व विषय में त्रुटि बताकर पुन: प्रारम्भिक शिक्षा में भेज दिया। जबकि उनकी वास्तविक योग्यता लेवल प्रथम की होने पर इसी में पदस्थापन देना था। सूत्रों के अनुसार उक्त दोनों को न्यायालय से परिवेदना निस्तारण तक स्टे मिला हुआ है, इसके बाद भी प्रारंभिक शिक्षा को सौंपने के आदेश कर दिए। वहीं राज्य सरकार के बीमारी व रोग प्रमाण पत्र के आधार पर छूट देने के आदेश नहीं है। ऐसे मामलों में वरीयता देने के आदेश हैं।
इनका कहना है
प्रमाण पत्र के आधार पर छूट दी होगी। पत्रावली देखकर ही बता सकते हैं। यदि कुछ गलत हुआ है तो इसकी जांच करा लेंगे।
एंजलिका पलात, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बांसवाड़ा

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