जानकारी के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह के आदेश में छह शिक्षिकाओं को नियुक्ति के समय अप्रशिक्षित बताकर प्रारंभिक शिक्षा को सौंपा है, जबकि नियुक्ति के बाद प्रशिक्षित होने पर इसकी दिनांक से वरीयता में लेकर उनके नाम जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ने सेटअप परिवर्तन के लिए भेजे थे और काउंसलिंग में सम्मिलित कर पदस्थापन दिया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को लेवल प्रथम का माना, जबकि एसटीसी उत्तीर्ण होने के बाद अप्रशिक्षित होने का सवाल ही नहीं है। ऐसे में इन्हें नियुक्ति से अप्रशिक्षित होने का कारण बताकर प्रारम्भिक शिक्षा को सौंपना नियमों के खिलाफ है। इसके अतिरिक्त दो शिक्षिकाओं का लेवल के विपरीत विषय में समायोजन पदस्थापन माध्यमिक विद्यालयों में किया। बाद में लेवल व विषय में त्रुटि बताकर पुन: प्रारम्भिक शिक्षा में भेज दिया। जबकि उनकी वास्तविक योग्यता लेवल प्रथम की होने पर इसी में पदस्थापन देना था। सूत्रों के अनुसार उक्त दोनों को न्यायालय से परिवेदना निस्तारण तक स्टे मिला हुआ है, इसके बाद भी प्रारंभिक शिक्षा को सौंपने के आदेश कर दिए। वहीं राज्य सरकार के बीमारी व रोग प्रमाण पत्र के आधार पर छूट देने के आदेश नहीं है। ऐसे मामलों में वरीयता देने के आदेश हैं।
प्रमाण पत्र के आधार पर छूट दी होगी। पत्रावली देखकर ही बता सकते हैं। यदि कुछ गलत हुआ है तो इसकी जांच करा लेंगे।
एंजलिका पलात, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बांसवाड़ा