बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि सोमवार को लिए खून के नमूनों की जांच में मलेरिया का एक भी मरीज नहीं पाया गया। 10 मरीजों के खून की जांच में श्वेत रक्त कणिकाएं बढ़ी हुई पाई गई।
सोमवार को लिए खून के नमूनों में सभी मरीजों में मलेरिया नेगेटिव आने के बाद भी विभाग के अधिकारी सिर्फ मरीजों की मलेरिया स्लाइड लेकर ही संतुष्टि कर रहे हैं। टीम ने मंगलवार को 23 मरीजों की मलेरिया स्लाइड ली। 13 मरीजों के ही खून के नमूने लिए। उज्जैनिया ने बताया कि जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती तब तक टीम प्रतिदिन घर-घर जाकर मरीजों पर निगरानी रखेगी तथा जांच कर दवा देगी।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश भारद्वाज ने बताया कि खेड़पुर गांव में लोगों में वायरल संक्रमण की सबसे बड़ी वजह कुपोषण, अधिकांश मरीजों में खून की कमी व घरों के आसपास फैली गंदगी है। जांच में मरीजों के खून में हीमोग्लोबीन 6 से 7 ग्राम प्रतिशत ही पाया गया है। जबकि सामान्य मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा 12 से 18 ग्राम प्रतिशत होनी चाहिए। कुपोषण के शिकार मरीजों को वायरस जल्द चपेट में ले लेते हैं। ऐसे में समय पर उपचार नहीं मिलनें पर मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है।