मेडी शर्मा ने बताया कि वे बांसवाड़ा के ही देवकीनंदन जोशी की संगीत प्रस्तुतियों से प्रभावित हुए। फिर जोशी को गुरु मानते हुए उन्होने प्रारंभिक तालिम ली। साथ ही स्कूल के समय होने वाले प्रोग्राम्स और प्रार्थना सभा में भाग लेने लगे। शुरूआती स्ट्रगल के साथ सीखने का सिलसिला शुरू हुआ और अपने ग्रेजुएशन के लिए वह अहमदाबाद रहने लगे। वहां गिटार बजाना सीखा और कॉलेज के दौरान ही अपना म्यूजिकल बैंड भी शुरू किया। मेडी एमबीए की पढ़ाई के साथ-साथ संगीत के क्षेत्र में काफी सीखते गए। पिछले 5 सालों से मेडी मुंबई में अपनी म्यूजिकल जर्नी को आगे बढ़ा रहे है।
मेडी ने अबतक अपने खुद के बनाए तीन गानें यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रिलीज किए। जिनमें आज मुझे रोना है…, मंजिलें… और अंजान रास्ते… है। जिन्हें काफी पसंद किया जा रहा है। मेडी अपने म्यूजिकल बैंड के साथ लाइव परफार्मेंस के लिए जाने जाते है। उन्होंने हिंदुस्तान में कई जगहों पर परफार्म करने के अलावा दुबई, थाईलैंड, फुकेट जैसे अन्य देशों में भी लाइव शोज किए है। मेडी बताते है कि उनके पिता कमलानंद शर्मा और उनकी माता देवबाला शर्मा ने हमेशा सपोर्ट किया है।
मेडी ने बताया कि हाल ही में उनका ‘आज मुझे रोना है…’ गाना रिलीज हुआ है जिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसके अलावा वह अपने म्यूजिकल बैंड के साथ लाइव शोज करते है। जहां से उनके काम को काफी एप्रिशिएट किया जा रहा है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में उनके और भी गानों पर काम चल रहा है जिन्हें जल्द ही रिलीज किया जाएगा। मेडी बताते है कि काफी प्रयासों के बाद अब उन्हें जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री की उम्मीद है। उनका कहना है कि वागड़ क्षेत्र में टेलेंट की कमी नहीं है। कमी है तो सिर्फ एक प्लेटफार्म की और आने वाले समय में वह यहां के टेलेंट को सपोर्ट करना चाहते है।