एसपी ने बताया कि वर्ष 2014 से बांसवाड़ा शहर व आस-पास के क्षेत्र में दहशत फैलाने, फिरौती लेने, सनसनीखेज हत्या कराने आदि गम्भीर प्रकृ त्ति के अपराधों में संलिप्त इन आरोपितों को सीआई दिलीपदान के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने मंगलवार रात रतलाम रेलवे स्टेशन पर घेराबन्दी करके दबोचा। सिराज ने पुलिस टीम पर देसी पिस्टल तानकर फ ायर करने का भी प्रयास किया, लेकिन उसके मंसूबों को पुलिस ने विफल कर दिया।
पुलिस के अनुसार 13 तारीख की आधी रात एक बजे तीनों की लखनऊ से रतलाम पहुंचने वाली ट्रेन में विशेष निगरानी रखी गई। सादावस्त्रों में पुलिसकर्मी भी ट्रेन के एक कोच में सवार थे जिन्होंने सिराज व इम्तियाज को एक अन्य व्यक्ति के साथ पहचान लिया था। जहां पहले से तैनात पुलिस कर्मियों ने तीनों को दबोच लिया।
एसपी ने बताया कि सिराज व अबूलाला के बीच वर्ष 2007 से जेल रोड के पास एक बीघा जमीन के विवाद के कारण वैमनस्यता बढ़ी। सिराज पर आरोप है कि उसने 19 मई 2014 को पृथ्वीगंज के राजतलाब में अपने गैंग के लोगों से षड्यन्त्र करके अबूलाला की दिन-दहाड़े हत्या करवा दी थी। उक्त हत्या के बाद से आरोपित फ रार होकर नेपाल के पोखरा जिले में जा छिपे थे। आठ अप्रेल 2015 को सिराज नेपाल से बांसवाड़ा आया व अपने भाई इम्तियाज व रिश्तेदार के साथ होली चौक स्थित अपने घर पर फि ल्मी अन्दाज में पुलिस के समक्ष समपर्ण किया था। राजस्थान उच्च न्यायालय से सिराज की जमानत होने पर 12 मई 2016 बेल जम्प करके फिर से वह तथा इसका भाई इम्तियाज नेपाल में चले गए थे व फ रारी काट रहे थे।
आरोप है कि नेपाल में रहते हुए सात अक्टूबर 2017 को सिराज व इम्तियाज ने षड्यन्त्र करके झालावाड़ निवासी काशफ उर्फ काशिफ के साथ शार्प शूटरों की गैंग भेजकर सदर सोहराब की राजतलाब क्षेत्र में हत्या करवा दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाही करते हुए बालक सहित सिराज के पिता रियाज एहमद, चाचा खान बहादुर, रिश्तेदार आकिब उर्फ लाला, साथी सुनील उर्फ सोनू नाई व झालावाड़ के अपराधी अमन सन्जरी, आसिफ खॉ उर्फ मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार किया था। उक्त वारदात के बाद सिराज व इम्तियाज ने पोखरा जिले में रहते हुए बांसवाडा के सहयोगियों के माध्यम से दहशत फैलाने वाले ऑडियों वायरल किए थे।