बैठक में गांगड़तलाई प्रधान सुभाष तंबोलिया ने पंचायत समिति भवन का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि कलक्टर की ओर से स्वीकृत जमीन पर पंचायत समिति भवन बनाया जा रहा था। कार्य पर 25 लाख रुपए खर्च हो गए, तो फि र एक माह पहले मुख्यमंत्री के जन संवाद कार्यक्रम के दौरान दूसरी जगह क्यों शिलान्यास किया। इस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। दोनों विधायकों ने आपस में जमकर शब्दों के तीर चलाए। इसी बीच पूर्व में तलवाड़ा में स्वीकृत जमीन पर आईटीआई भवन बनाने में हो रही देरी एवं झेर मोटी के नाम से मंजूर राशि झेर छोटी में खर्च करने का मामला उठा एवं बहस छिड़ी।
जिला परिषद साधारण सभा की बैठक में बुधवार को मचे हंगामे को आमजन चुनाव से पहले की राजनीति बता रहे हैं। वहीं भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही इस विवाद को चुनावों में होने वाली हार की बौखलाहट बताया है। सांसद मानशंकर निनामा ने कहा कि कांग्रेस जितना भी दम भर ले, लेकिन चुनावों में इनको करारी हार मिलने वाली है, यह सब इसकी बौखलाहट है। विधायक खांट ने कहा कि यह सब षड्यंत्र चुनावों में लोगों को गुमराह कर वोट लेने की मानसिकता दर्शाता है, लेकिन जनता सब जानती है। पंचायतीराज राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने भी कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले यह संभवत: अंतिम बैठक होती, वह इसका बेजा फायदा लेना चाहते थे, जिसमें वह सफल नहीं हो सके। वहीं विधायक मालवीया ने कहा कि भाजपा के दिन अब लद गए और जनता चुनावों की राह देख रही है। आने वाले चुनावों में जनता पूरा बदला लेगी और इनको करारी हार मिलेगी। इसके चलते यह मनमर्जी से काम कराना चाहते हैं। जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने भी विवाद की जड़ को चुनावों से ठीक पहले की राजनीति बताया और कहा कि भाजपा के लोग कुछ भी कर लें, इसका फायदा अब जनता उनको नहीं देगी।
-बागीदौरा विधायक मालवीया ने गढ़ी विधायक के संबंध में कहा कि खांट ने भ्रष्टाचार कर सरकारी राशि से अपना घर बना लिया।
-विधायक खांट ने पलटवार करते हुए कहा कि मालवीया कौन से दूध के धुले हुए हैं। जनता सब जानती है।
-सांसद निनामा ने जब प्रधान तंबोलिया को बैठने को कहा तो जिला प्रमुख ने सांसद से कहा कि आप कौन होते हो बिठाने वाले। इस पर सांसद ने कहा कि सरकार हमारी है, हम जो चाहेंगे वो ही होगा।