मामले में पहले तो जेल कार्मिक इस पर पर्दा डालते रहे। काफी देर तक जेल के कार्यवाहक प्रभारी हैड कांस्टेबल रूपलाल से बातचीत तो उसने बैरक नंबर दो से मोबाइल के अलावा कुछ बोतलें व अन्य सामान बरामद होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेल में मिले सामान को नष्ट कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार आरोपी सिराज एवं उसके भाई इम्तियाज द्वारा अपनी गैंग से व्यापारियों से फिरौती मांगने और धमकाने की वारदातों सामने आई। पुलिस ने दो जुलाई को छह आदतन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से पिस्तौल सहित अन्य हथियार बरामद किए। इसके बाद जेल प्रबंधन की आरोपियों से मिलीभगत और लापरवाही की बातें सामने आई। जेल प्रबंधन ने खुद को फंसता देख और किसी बड़ी वारदात के अंदेशे से तीन जुलाई को बगैर उच्चाधिकारियों सूचना दिए तलाशी अभियान चलाकर बैरकों की गहन तलाशी ली।
सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने बैरक में गड्ढा खोदकर मोबाइल छिपा रखे थे। इससे सवाल यह है कि कड़ी सुरक्षा के बाद भी जेल के भीतर और बैरक में मोबाइल कैसे पहुंच? एेसे में जेल प्रबंधन की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
मुझे इस घटनाक्रम बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इस मामले की जांच करवा लेता हूं।
डा. भूपेन्द्र सिंह, एडीजी कार्मिक (डीजी जेल) जयपुर