सामान्यतया वन विभाग रोपे गए पौधों के जीवित रहने की संभावना पांच वर्ष बाद 40 से 50 प्रतिशत के बीच मानता है। इससे कम संख्या में पौधों के जीवित रहने पर पौधरोपण फेल्युअर मानकर विभिन्न कारणों को ज्ञात कर समीक्षा की जाती है, ताकि आगामी सत्र में अधिकाधिक पौधों को जीवित रखा जा सके।
विभाग ने आगामी मानसून में पौधरोपण के लिए नर्सरियों में पौधै तैयार कर लिए हैं। बांसवाड़ा, भापोर, कुशलगढ़, शक्करवाड़ा आदि नर्सरियों में तैयार पौधों में फलदार, फूलदार व छायादार वृक्षों के पौधे शामिल हैं। एक बार अच्छी बरसात हो जाए, इसके बाद पौधरोपण आरंभ किया जाएगा।
एसआर जाट, उप वन संरक्षक, बांसवाड़ा