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बांसवाड़ा

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की कमी पूरा करने के लिए विभाग का बड़ा कदम, पीजी करने के लिए अब भरना होगा 80 लाख का बॉण्ड

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की कमी पूरा करने के लिए विभाग का बड़ा कदम, पीजी करने के लिए अब भरना होगा 80 लाख का बॉण्ड

बांसवाड़ाOct 21, 2019 / 03:38 pm

Varun Bhatt

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की कमी पूरा करने के लिए विभाग का बड़ा कदम, पीजी करने के लिए अब भरना होगा 80 लाख का बॉण्ड

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में डाक्टरों की कमी पूरा करने के लिए विभाग का बड़ा कदम, पीजी करने के लिए अब भरना होगा 80 लाख का बॉण्ड

बांसवाड़ा. प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में चिकित्सा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब सेवारत चिकित्सकों को पीजी करने के लिए 80 लाख रुपए का बॉन्ड भरना होगा। इसका फायदा यह होगा कि डॉक्टर्स का ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी चिकित्सालयों में ठहराव बढ़ेगा। हाल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (जनस्वास्थ्य) की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। अब तक सेवारत डॉक्टर्स को पीजी करने के लिए अपेंडिक्स 18 के अनुसार 30 लाख का और 5 लाख का निश्चित बॉन्ड भरना पड़ता था। अब अगली प्री पीजी नीट परीक्षा के साथ ही सेवारत डॉक्टर्स द्वारा भरे जाने वाले बॉन्ड की राशि 80 लाख रुपए होगी।अधिकांश सीएचसी और पीएचसी पर पद रिक्तजिले में तकरीबन 21 सीएचसी और 52 पीएचसी संचालित हैं और इनमें अधिकांश में चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। कई सीएचसी तो एक या दो चिकित्सकों के भरोसे ही संचालित हो रही है। कुछ ऐसे ही हाल कई पीएचसी के भी हैं। प्री पीजी में सम्मलित होने से पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र नीट परीक्षा में सम्मलित होने वाले चिकित्सकों को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा।यह दिशा निर्देश हुए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए सेवारत चिकित्सकों को आवेदन निदेशालय की मेल आईडी पर भेजना होगा। प्रोबेशन काल में कार्यरत चिकित्सकों को पीजी या उच्च अध्ययन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाएंगे। आवश्यक अस्थाई आधार पर कार्यरत चिकित्सकों को तीन वर्ष की सेवा से पूर्व प्री- पीजी, नीट की अनुमति नही दी जाएगी। सेवा पूर्ण करने पर पीजी करने वाले चिकित्सकों से आरएसआर नियम 121-ए में बॉन्ड लिया जाएगा। बॉन्ड पत्र के साथ दो स्थायीकर्मियों की जमानत ली जाएगी। अध्ययन अवकाश का उपयोग करने के बाद आरएसआर नियम 121-ए के तहत निर्धारित राज्य सेवा किए बिना सेवा से त्याग पत्र देने, सेवा पर नहीं लौटने वाले, सेवानिवृत्त कर दिए जाने या हो जाने वाले डॉक्टर से अपेंडिक्स 18 के अनुसार बॉन्ड पत्र की राशि वसूल किए जाने के साथ ही राजस्थान मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जाने की अभिशंसा की जाएगी।

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