मगरमच्छ का रेस्क्यू
गढ़ी रेंज के भूदानपुरा गांव में ताराचन्द मीणा के घर के बाहर मगरमच्छ आने की खबर आई। इस पर तत्काल वन विभाग की टीम को वहां भेजा गया। ग्रामीणों की मदद से सहायक वनपाल मनोहरसिंह चौहान व वनरक्षक दीपक पाटीदार ने मगरमच्छ को रेस्क्यू कर माही में छोड़ दिया।
सडक़ पर दिखा जरख, खरगोश और लोमड़ी भी
वागड़ पर्यावरण संस्थान अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि शनिवार रात्रि में भोजिया कलां गांव से कुछ ही दूर मुख्य मार्ग पर जरख दिखा। वह थोड़ी ही देर में झाडिय़ों में ओझल हो गया। कई स्थानों पर लोमडिय़ां, खरगोश, नाइट जार पक्षी व नीलगाय के झुंड देखे गए। रात में लोमड़ी की चमकती आंखों, लंगूर तथा मोर की आवाज ने रोमांचित कर दिया। वाइल्ड लाइफ फ ोटोग्राफ र यश सराफ ने बताया कि रात्रि होने व वन्यजीव के दूर होने के कारण फोटोग्राफ ी में परेशानी हुई।
यह भी रहे तैनात
गणना के दौरान प्रशिक्षु अधिकारी चेतन कुमार, सहायक वन संरक्षक शैदा हुसैन व दिलीप सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी गोविन्दसिंह राजावत, प्रवीण कुमार, घनश्यामसिंह सिसोदिया, कुलदीपसिंह चौहान, विश्वेन्द्र सिंह, वनपाल जसवंत रावल, फ रीद खान, राकेश बरजोड़, कालूसिंह सहित वन कार्मिक तैनात रहे।
गढ़ी वन क्षेत्र में नजर आए 1664 वन्य जीव
गढ़ी वन क्षेत्र में वन्य जीव गणना में 10 वॉटर हॉल पर करीब 1664 वन्य जीव नजर आए। इसमें सार्वाधिक 789 राष्ट्रीय पक्षी मोर देखे गए। जिसमें 227 नर, 549 मादा एवं 13 बच्चे शामिल हैं। तीन पैंथर भी नजर आए। क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रवीण अहारी ने बताया कि माकड़तोल, पीपली वाला नाला गराडिय़ा एवं तजेला तालाब लोहारिया में पैंथर देखे गए। गणना में 65 सियार, 28 जरख, 12 जंगली बिल्ली, 8 लोमड़ी, 2 बिज्जू छोटा, 252 नील गाय, 135 जंगली सुअर, 13 सेही, 335 लंगूर, 22 सारस एवं 789 राष्ट्रीय पक्षी मोर का आंकलन किया गया।