बांसवाड़ा. वागड़ पर्यावरण संस्थान की ओर से 19 अक्टूबर को वागड़ पक्षी दिवस मनाया जाएगा। इसकी तैयारी को लेकर 10 अक्टूबर को वागड़ पर्यावरण संस्थान की बैठक होगी। संस्थान अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि वाग्वर अंचल में दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखने की प्राचीन परम्परा है। समूचे वागड़ में इस पक्षी को देखने के लिए लोग प्राकृतिक स्थानों की ओर रुख करेंगे। इसीलिए इस दिन को वागड़ पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि नीलकंठ पक्षी को सडक़ के किनारे तार पर, खेत के किनारे, घास के मैदानों में, जंगल के बाहरी सीमा क्षेत्रों में तथा बड़े बाग-बगीचों में बैठा देखा जा सकता है। मानसून के बाद से नीलकंठ पक्षियों की चहल-पहल ज्यादा देखने को मिलती हैं।