बच्चों को उपचार देने के लिए सरकार ने राजकोट के सत्य साईं बाबा हॉस्पीटल से करार किया है। ऑपरेशन, उपचार, दवा एवं अन्य कई चीजें निशुल्क होंगी। इसके साथ पीडि़त और अटेंडेंट के राजकोट आने जाने का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
प्रत्येक जिले में चिकित्सा विभाग शिविर लगाएगा,जिनमें दिल के रोग से पीडि़त बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। इसमें हृदय की जन्मजात बीमारी का भी उपचार मिल सकेगा। खासतौर एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (वॉल्व खराब होने की बीमारी), मेंटीक्यूलर सेप्टल डिफेक्ट, पेसमेकर की जरूरत वाले बच्चों की संख्या अधिक रहती है।
चार लाख तक खर्च
बच्चां में हृदय रोगों के उपचार में डेढ़ लाख से चार लाख रुपए तक खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा कई बड़े अस्पतालों तक में उपचार की सुविधा नहीं है। ऐसे में इस नई सुविधा से सभी को राहत मिलेगी।