अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक ने बताया कि जिले में कुशलगढ़, घाटोल और बांसवाड़ा ग्रामीण क्षेत्र के 139 गांवों में 11 हजार 899 घरों को सौर ऊर्जा से जोडऩे का लक्ष्य है। अब तक नौ हजार 15 आवास सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं। 31 अगस्त तक लक्ष्य पूर्ण करने हैं और शेष आवासों के लिए सामग्री आगामी दिनों में प्राप्त होने पर शेष आवास भी सौर ऊर्जा से जोड़ दिए जाएंगे।
सरकार की किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना असिंचित इलाकों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने में सहारा बन रही है। योजना में किसान सौर ऊर्जा उपकरण लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। उपकरण स्थापना में 30 प्रतिशत केंद्र, 30 प्रतिशत राज्य सरकार भुगतान करती है। 30 प्रतिशत राशि डिस्कॉम ऋण के रूप में देगी और 10 प्रतिशत राशि किसान को देनी है, जो करीब चार हजार रुपए प्रति किलोवाट होगी। किसान की ओर से उपभोग के बाद शेष रही बिजली ग्रिड को भेजने पर आरईआरसी की ओर से तय दर पर राशि का भुगतान होगा, जिससे किसान की ओर से किया खर्च भी तीन वर्ष में वसूल हो जाएगा।
सौर ऊर्जा की अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठाने में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग भी पीछे नहीं हैं। जून में सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने की स्वीकृति दी है। इसमें छोटी सरवन पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खजूरी में 58.49 लाख, धनाक्षरी प्रथम में 53.27, धनाक्षरी द्वितीय में 41.59, धनाक्षरी तृतीय में 39.15, पातीनगरा प्रथम में 56.46, पातीनगरा द्वितीय में 57.39, छलियावाड़ा में 41.80, तालाब में 58.29, नापला में 39.53, रेल में 37.48 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। सुरवानिया पंचायत के गाउवापाड़ा में भी जलोत्थान सिंचाई योजना के लिए 58.33 लाख की स्वीकृति दी गई है।
सौर ऊर्जा के लिए चयनित व्यक्ति को बिजली कनेक्शन की निशुल्क सुविधा है। हालांकि प्रति कनेक्शन 32 हजार रुपए का व्यय होता है, लेकिन चयनित व्यक्ति से राशि नहीं ली जाती है। अधिशासी अभियंता हरीश मेघवाल ने बताया कि कनेक्शन के तहत लाभार्थी के यहां दो सौ वॉट का पैनल लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त नौ वॉट का डीसी पंखा, सात वॉट की पांच एसईडी ट्यूबलाइट लगाई जाती है। जिले के घाटोल में 76, बांसवाड़ा ग्रामीण में 23 और कुशलगढ़ में 40 गांवों को सौर ऊर्जा से जोड़ा है।