इस बार हरियाली अमावस के दिन करीब 17 वर्ष बाद पंचमहायोग बन रहा है, जिसमें शिवजी की उपासना से साधकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि गुरुवार को अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। साथ ही सूर्य, चन्द्रमा, मंगल व शुक्रग्रह के कर्क राशि के कारण चतुग्र्रही के साथ हरियाली अमावस्या होने से पंच महायोग भी बनेगा। यह संयोग इस बार करीब 17 साल बाद बन रहा है। इस संयोग में भगवान शिव की उपासना के साथ ही दान-पुण्य के साथ भगवान विष्णु की कथा का श्रवण और पौधरोपण श्रेष्ठ रहेगा। पवित्र सरोवरों पर पित्तरों के निमित्त तर्पण आदि किया जाएगा। सुहाग की लंबी उम्र की कामना का पर्व (तीज) तीन अगस्त को मनाया जाएगा। 15 अगस्त को चंद्रप्रधान श्रवण नक्षत्र में रक्षाबंधन पर्व भी आएगा।
पं. दामोदरप्रसाद शर्मा ने बताया कि हरियाली अमावस्या पर सुबह साढ़े नौ बजे जलवायु तथा मौसम का कारक बुध ग्रह मार्गीय होगा। इससे वर्षा ऋतु के चक्र में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। यह परिवर्तन व्यापारिक व कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए फायदेमंद होगा। 30 जुलाई को बुध ग्रह कर्क राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और दो दिन बाद मार्गीय होगा।