सूत्रों के अनुसार अभियान में अभी फोकस दुग्ध उत्पादों, ड्राई फ्रूट, मिठाइयों और मिर्च-मसालों पर है, लेकिन इसके दीगर फास्ट फूड, बैकरी उत्पादों और अन्य कमोडिटी की पड़ताल की आवश्यकता है, लेकिन भानुमती का कुनबा जोड़कर बनाई टीम पूरा जिला कवर करने की स्थिति में नहीं दिखती। इससे तमाम कवायद औपचारिकता बन पड़ी है।
यहां अभियान के पहले दिन ही लाचारी झलकी थी, जबकि दो टीमें बनाकर भेजने के बाद एक जगह जांच और नमूने लेने में खाद्य सुरक्षा अधिकारी को वक्त लगा, तो दूसरी जगह ऐहतियातन लगाए पुलिस और प्रशासन के अफसरों को लंबा इंतजार करना पड़ा। कारण स्पष्ट था कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी की मौजूदगी के बगैर सेंपल लेना मुमकिन नहीं था और एक व्यक्ति से एक ही जगह काम लिया जा सकता है।
प्रदेश में कमी के चलते जहां पहले दो अधिकारी थे, वहां से एक हटाकर अन्यत्र लगाए गए। बांसवाड़ा में रुटीन के दिनों में सीएमएचओ कार्यालय से खाद्य सुरक्षा अधिकारी को मदद देते हैं, जबकि इन दिनों अभियान में सुबह प्रशासन की प्लाङ्क्षनग और जांच की व्यवस्था है।
-डॉ. वीके जैन सीएमएचओ