इस दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस विभाग इस प्रकार के मुकदमों की जांच करके दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे। जब तक दोषी को सजा नहीं मिलेगी तब तक इस प्रकार के अत्याचारों में कमी नहीं आएगी। इसलिए दर्ज प्रकरणों की समय पर सख्ती से जांच करें और दोषी को सजा दिलाए।
उन्होनें कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों/परिवारों को शत-प्रतिशत लाभ देना सुनिश्चित करें। अनुसूचित जाति के हर पात्र व्यक्ति को लाभ मिले इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
उच्च स्तरीय होगी जांच
रसद विभाग की ओर से राशन डीलरों में एससी आरक्षण को सिर्फ 5 प्रतिशत रखने पर अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि राज्य के अन्य जिलों में आरक्षण अधिक है लेकिन यहां कम क्यों है। इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी।
उन्होनें नगर परिषद भर्ती में एससी वर्ग के अलावा नियुक्त सफाई कार्मिकों की जानकारी लेते हुए आयुक्त से पूछा कि क्या वे सफाई के कार्य कर रहे है या नहीं। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उनके द्वारा आवेदित पद पर उन्हें काम करवाया जाए, सिर्फ एससी वर्ग विशेष का ही नहीं है सफाई का कार्य। बैठक में जिला कलक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर सहित समस्त विभागाधिकारी उपस्थित रहे।
हर जिले से मिल रहे आरक्षण को लेकर प्रतिवेदन
आयोग अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पांच प्रतिशत आरक्षण गलत है। आरक्षण जिले व संभाग के हिसाब से नहीं होता है। हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से आरक्षण को लेकर प्रतिवेदन आ रहे है। जिसमें 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग सामने आ रही है। आयोग अध्यक्ष ने वर्तमान में चर्चाओं में चल रहे मंत्री अशोक चांदना व विधायक गणेश घोघरा के मामलों पर कहा कि ये उनके व्यक्तिगत मामले एवं वेदना है।