घटनाक्रम रात ढाई बजे अचाकन बिजली गुल होने के बाद करीब सवा चार बजे हुई। यहां एमसीएच विंग की तीसरी मंजिल पर पीएनसी वार्ड में अंधेरे और गर्मी से प्रसूताएं उनके परिजन और स्टाफ सदस्य बेहाल रहे। इसी बीच, वार्ड के एक कोने में सोई कैलाश पत्नी वि_ल निनामा अचानक चीखने लगी। शोर सुनकर स्टाफ और आसपास के मरीजों के अटेंडेंट दौड़े, तब तक दो जने भागते हुए सामने खिडक़ी से कूदकर रफूचक्कर हो गए। स्टाफ नर्स दिव्या पंड्या ने गार्ड को पुकारा, तो प्रतिक्रिया नहीं आई। तब उसकी सूचना पर चौकी से कांस्टेबल बहादुर और महेंद्र पहुंचे, लेकिन तब तक चोर परिसर ही छोड़ चुके थे।
पीहर नापला से आई प्रसूता कैलाश ने सुबह बताया कि मां उसके पांच दिन के बच्चे को लेकर दूसरी तरफ सो रही थी। वह भी नींद में थी, तभी लगा कि सिरहाने के पास कोई हाथ घुमा रहा है। आंखें खोली तो कुछ दिखा नहीं पर पास के बिस्तर से किसी के मोबाइल की टॉर्च जलने से आई मामूली रोशनी में लगा कि पीछे से कोई साया है। वह चीखी तो लोग जुटते, इससे पहले दो जने सामने खिडक़ी की ओर भागे। इनमें एक खिडक़ी से बरामदे में कूद गया, जबकि दूसरा नीचे कोई सो रहा होने से उस पर गिरा। फिर उठकर वह भी भाग गया।
रात के वाकये की सुबह से अस्पताल में चर्चा रही। इससे पहले तडक़े सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाइजर और पुलिसकर्मियों से वस्तुस्थिति देखी। फिर गार्ड ऊंकार की अनुपस्थिति लगाई गई। इधर, पूछताछ में आसपास के लोगों ने वार्ड में अंधेरे का लाभ लेकर मोबाइल-पर्स चुराने की फिराक में चोर घुसने की आशंका जताई। मामले को लेकर वार्ड से नर्सिंग अधीक्षक को रिपोर्ट भी दी गई।
अस्पताल में ताज्जुब यह कि निजी सुरक्षा एजेंसी द्वारा नियमित रूप से 24 गार्ड लगाना बताया जा रहा है, फिर भी यहां रात में सुरक्षा के नाम पर औपचारिकता है। इधर, घंटों तक अस्पताल में सप्लाई कटने पर भी सुध नहीं लेने से व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े हुए हैं।