एसपी ने बताया अनुसंधान में संदिग्ध रूप से आरोपियों की पहचान होने पर पुलिस ने तीनों पर निगरानी रखना शुरू किया। इसकी भनक पर आरोपी अपने घरों से फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। शुक्रवार शाम पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी डायलाब की पाल के पास बाइकों पर देखे गए हैं। सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़ लिया। इस दरम्यान आरोपियों ने भागने का भी प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे। बाद में कोतवाली लाकर पूछताछ की तो उन्होंने सच उगल दिया।
सीआई ने बताया कि आरोपी विनोद आदतन अपराधी है। इससे पूर्व सालमगढ़ इलाके में एक लूट की वारदात हुई थी। इसमें आरोपी विनोद था, जिसने करीब एक लाख 18 हजार की लूट की वारदात को अंजाम दिया है। आरोपियों से करीब 16 हजार की नकदी बरामद कर ली गई है। शेष नकदी के बारे में पूछताछ की जा रही है। उनके कब्जे से बैग में रखी चाबियां एवं डायरियां बरामद हो गई हैं।
सीआई नाथावत ने बताया कि आरोपी विनोद एवं संजय बेरोजगार हैं और अंशुल कक्षा बारहवीं का छात्रा है। आरोपियों ने मौज मस्ती के लिए वारदात का अंजाम दिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वारदात के दौरान एक शख्स ने पूरी वारदात की रैकी की थी। वह वारदात के दिन भी मौके पर खड़ा था।
पुलिस के हत्थे चढ़ा बारहवीं में पढऩे वाला आरोपी बड़वी के स्कूल में अध्ययनरत है। स्कूल के बाद अंशुल मजदूरी का कार्य भी करता था। डेगली माता चौक पर वारदात करने से करीब दो माह पूर्व अंशुल की दोस्ती आइटीआइ के मैदान में क्रिकेट खेलने के दौरान संजय से हुई। इसी दौरान विनोद भी वहां खेलने के लिए आने लगा। इससे तीनों में पक्की दोस्ती हो गई। इसके बाद मौज मस्ती भी परवान चढऩे लगी तो रुपयों की आवश्यकता महसूस होने लगी। इस पर तीनों ने चोरी की योजना बनाई। तीनों दो मोटरसाइकिलों पर डेगली माता चौक आए और वहां पूरी रैकी की।