सेरानगला निवासी 70 वर्षीय रुपा पुत्र वागजी डामोर ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि उसका 29 वर्षीय विजयपाल डामोर रविवार सुबह नानाभुखिया गांव में रिश्तेदार मोहन पुत्र शिवलाल सिंघाड़ा के घर गया था। शाम करीब 4 बजे सूचना मिली कि विजयपाल को बिजली लाइन का तार गिरने से आनंदपुरी सीएचसी ले जाया गया। वहां से रैफर करने पर गुजरात ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई, तो शव वापस लाकर आनंदपुरी सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया गया।
मामले को लेकर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर सोमवार सुबह पोस्टमार्टम करवाया। शव सौंपने पर परिजनों ने उसे ले जाकर विद्युत निगम के सामने रख दिया और टायर जलाकर नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने मृतक के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता की मांग की। मौके पर पुलिस जाब्ता पहुंचा और ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास किया, तो परिजन रोड जाम करने पर आमादा हुए।
मौके पर थानाधिकारी शंकरलाल ने कानून हाथ न लेने की नसीहत दी पर लोग नहीं माने। फिर तहसीलदार सुरेंद्रसिंह खंगारोत मौके पर पहुंचे और मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने परिजनों से जरूरी कागजात लेकर आने को कहा और बताया कि संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाकर आर्थिक सहायता के लिए कार्रवाई करवाई जाएगी। इस दौरान राकेश सिंघाड़ा, विनोद डामोर, समाजसेवी रमेशचंद्र डामोर, मोहनलाल पारगी, केशवलाल डामोर आदि मौजूद थे।
ताज्जुब यह कि हादसे की जानकारी पर विद्युत निगम की टीम भेजी गई, तो मौके पर कहीं टूटा तार नहीं मिला। सहायक अभियंता हरीश मीणा ने बताया कि जो घटनास्थल बताया गया है, वहां कोई तार टूटा हुआ नहीं मिला। मौत किसी और वजह से या करंट से मौत हो सकती है, लेकिन निगम की लाइन टूटने या बड़े हादसे की जानकारी नहीं मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु के कारणों की पुष्टि होगी।
आनंदपुरी थाना प्रभारी शंकरलाल ने बताया कि देरशाम को रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर सुबह पोस्टमार्टम करवाने और फिर ग्रामीणों के हंगामे पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जुटे रहे। इसके चलते मौका मुआयना नहीं कर पाए। इससे तार टूटने की रिपोर्ट की वास्तवित स्थिति पता नहीं चल पाई है। जांच हैड कांस्टेबल मोहनलाल को सौंपी है अब वे मंगलवार को वस्तुस्थिति देखेंगे।