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भोपाल

ईओडब्ल्यू पहुंचा डॉ. जैन की अनियमितताओं का मामला

भोज मुक्त विश्वविद्यालय में गड़बड़ी.. आपराधिक षडयंत्र रचकर रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई

भोपालApr 10, 2018 / 10:25 pm

योगेंद्र Sen

BHOJ
भोपाल। भोज (मुक्त) विवि ने डायरेक्टर डॉ. प्रवीण जैन द्वारा की गई अनियमितताओं को लेकर ईओडब्ल्यू में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने को कहा है। रजिस्ट्रार ने ईओडब्ल्यू के महानिदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले में एफआईआर दर्ज करें। ईओडब्ल्यू ने भी जानकारी मांगी थी, जो विवि ने भेज दी है। चूनाभट्टी थाना पुलिस को भी एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र भेजा गया है।
रजिस्ट्रार सरिता चौहान ने एसपी को भी पत्र लिखकर बताया है कि डॉ. जैन द्वारा किए कृत्य से वित्तीय नुकसान के साथ ही अयोग्य व्यक्तियों की कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति की गई है। डॉ. जैन निदेशक व स्थापना निदेशक के पद पर भी थे। कई कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने आपराधिक षडयंत्र रचकर रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई। ईओडब्ल्यू महानिदेशक को पत्र लिखे जाने की पुष्टि रजिस्ट्रार चौहान ने की है।

डॉ. जैन पर यह मुख्य आरोप
डीजीएस एंड डी से कंप्यूटर आदि खरीदी के लिए उनके पक्ष में ड्राफ्ट राशि 37 लाख अनधिकृत तरीके से अपने पास रखे रहे।
स्थापना शाखा का प्रभारी रहते हुए स्वयं की सेवा पुस्तिका एवं सेवा अभिलेख गायब किए।
भंडार विभाग के प्रभारी अधिकारी न होते हुए भी उनकी नस्तियों को अनाधिकृत से डील करते रहे।
कुलसचिव की हैसियत से वर्ष 2013 एवं 2014 में नियम विरुद्ध कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश जारी किए।
अर्चना मौर्य को अनुसूचित वर्ग के रिक्त पद पर नियुक्ति दी गई।

निदेशक विद्यार्थी सहायता एवं क्षेत्रीय सेवाएं पद पर रहते हुए शासन को वर्ष 2014-15 के उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित नस्ती को अपने पास दो वर्ष तक लंबित रखा जिससे वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में शासन से मांग करने पर अनुदान नहीं मिला। इससे 30 करोड़ की राशि शासन से प्राप्त नहीं हो सकी।

– निदेशक विद्यार्थी सहायता एवं क्षेत्रीय सेवाएं पद पर रहते हुए शासन को वर्ष 2014-15 के उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित नस्ती को अपने पास दो वर्ष तक लंबित रखा जिससे वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में शासन से मांग करने पर अनुदान नहीं मिला। इससे 30 करोड़ की राशि शासन से प्राप्त नहीं हो सकी।

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