डॉ. जैन पर यह मुख्य आरोप
डीजीएस एंड डी से कंप्यूटर आदि खरीदी के लिए उनके पक्ष में ड्राफ्ट राशि 37 लाख अनधिकृत तरीके से अपने पास रखे रहे।
स्थापना शाखा का प्रभारी रहते हुए स्वयं की सेवा पुस्तिका एवं सेवा अभिलेख गायब किए।
भंडार विभाग के प्रभारी अधिकारी न होते हुए भी उनकी नस्तियों को अनाधिकृत से डील करते रहे।
कुलसचिव की हैसियत से वर्ष 2013 एवं 2014 में नियम विरुद्ध कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश जारी किए।
अर्चना मौर्य को अनुसूचित वर्ग के रिक्त पद पर नियुक्ति दी गई।
– निदेशक विद्यार्थी सहायता एवं क्षेत्रीय सेवाएं पद पर रहते हुए शासन को वर्ष 2014-15 के उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित नस्ती को अपने पास दो वर्ष तक लंबित रखा जिससे वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में शासन से मांग करने पर अनुदान नहीं मिला। इससे 30 करोड़ की राशि शासन से प्राप्त नहीं हो सकी।
– निदेशक विद्यार्थी सहायता एवं क्षेत्रीय सेवाएं पद पर रहते हुए शासन को वर्ष 2014-15 के उपयोगिता प्रमाण पत्र से संबंधित नस्ती को अपने पास दो वर्ष तक लंबित रखा जिससे वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में शासन से मांग करने पर अनुदान नहीं मिला। इससे 30 करोड़ की राशि शासन से प्राप्त नहीं हो सकी।