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बांसवाड़ा : सरकारी स्कूल में छात्राओं से फीस वसूली पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, संस्थाप्रधान बोले- नियमानुसार लिया शुल्क

government school rajasthan : राजकीय माध्यमिक विद्यालय आसन का मामला

बांसवाड़ाJul 27, 2019 / 01:58 pm

Varun Bhatt

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बांसवाड़ा : सरकारी स्कूल में छात्राओं से फीस वसूली पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, संस्थाप्रधान बोले- नियमानुसार लिया शुल्क

बांसवाड़ा. जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आसन में कक्षा नवीं से 12वीं की छात्राओं से शुल्क लेने पर ग्रामीणों ने विद्यालय में पहुंचकर रोष जताया। संस्थाप्रधान ने नियमानुसार शुल्क लिए जाने की जानकारी दी, लेकिन ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए। जानकारी के अनुसार नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों से शुल्क लिए जाने की जानकारी पर उप सरपंच राजेश कलाल सहित अन्य ग्रामीण विद्यालय पहुंचे और आपत्ति जताई। ग्रामीणों ने कहा कि छात्राओं से शुल्क लिए जाने से एक विधवा महिला लीला पत्नी लाला उधार पर रुपए लाने को मजबूर हुई। इस पर संस्थाप्रधान धर्मेंद्रसिंह चारण ने बताया कि कक्षा पहली से आठवीं तक की शिक्षा निशुल्क है और नवीं से 12वीं के विद्यार्थियों से शुल्क शिक्षा विभाग के ओर से निर्धारित और नियमानुसार लिया जा रहा है। उन्होंने सामान्य और अजाजजा के विद्यार्थियों और नए विद्यार्थियों से लिए जाने वाले शुल्क के बारे में भी बताया। साथ ही बताया कि भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की 30 रुपए की राशि ली है। इसके बदले पुस्तिका दी जाती है।
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हरित पाठशाला कार्यक्रम के तहत अपील करने पर कुछ छात्रों ने सहयोग राशि दी है। उन्होंने शुल्क संबंधी विभागीय आदेश भी बताए, लेकिन ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए। राशि उधार लाने के संबंध में उन्होंने कहा कि विद्यालय में पूर्व में अध्ययन कर उत्तीर्ण हुई दो बहनों में से एक ने विद्यालय में प्रवेश लिया है। दूसरी बहन के बारे में स्टाफकर्मी को भेजा तो पता चला कि वह बीमार है, इसी कारण उसका प्रवेश नहीं हुआ है। पूरे मामले में उप सरपंच राजेश कलाल का कहना है कि गरीब लोगों से राशि वसूली जा रही है। हमें एसडीएमसी सदस्यों की सूची भी नहीं दी गई और लिपिक नहीं होने की बात कही। वहीं संस्थाप्रधान चारण ने कहा कि विभागीय मापदंड से एक रुपया भी अधिक नहीं लिया है। विद्यालय सौन्दर्यीकरण के लिए क्राउड फंडिंग की सबसे अपील की थी। ली गई फीस की सबको रसीद दी जाती है। गांव के दलगत राजनीति से प्रेरित होकर विद्यालय को मुद्दा बनाया जा रहा है।
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यहां भी हुआ विवाद
इधर, राउमावि बोड़ीगामा में एक छात्रा के साथ दुव्यर्वहार करने का आरोप विद्यालय की एक शिक्षिका पर लगाया है। छात्रा के परिजन राजेश कुमार ने आरोप लगाया कि उसकी भानजी को काफी देर तक कक्षा में अकेले बिठाए रखा। शिकायत के बाद भी संस्थाप्रधान ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं संस्थाप्रधान राजीव जुआ ने कहा कि छात्रा शारीरिक रूप से कमजोर है। प्रार्थना सभा में चक्कर आने के कारण रो रही थी तो उसे कमरे में ले जाकर बिठाया। वहां वह डर गई। उन्होंने बताया कि छात्रा पहले नौंवी कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गई थी। अन्यत्र विद्यालय में अध्ययन करने व उत्तीर्ण होने के बाद उसका पुन: यहां प्रवेश कराया है। छात्रा के परिजनों से कहा कि है कि शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण चक्कर आने जैसी समस्या होती है। अंधविश्वास में पडऩे की बजाय चिकित्सक से छात्रा का उपचार कराएं।

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