बांसवाड़ा : चावल में कीड़े, रोटी जली और कच्ची, जब पोषाहार ही बदहाल तो कैसे सुधरे बच्चों की सेहत के हाल… हरित पाठशाला कार्यक्रम के तहत अपील करने पर कुछ छात्रों ने सहयोग राशि दी है। उन्होंने शुल्क संबंधी विभागीय आदेश भी बताए, लेकिन ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए। राशि उधार लाने के संबंध में उन्होंने कहा कि विद्यालय में पूर्व में अध्ययन कर उत्तीर्ण हुई दो बहनों में से एक ने विद्यालय में प्रवेश लिया है। दूसरी बहन के बारे में स्टाफकर्मी को भेजा तो पता चला कि वह बीमार है, इसी कारण उसका प्रवेश नहीं हुआ है। पूरे मामले में उप सरपंच राजेश कलाल का कहना है कि गरीब लोगों से राशि वसूली जा रही है। हमें एसडीएमसी सदस्यों की सूची भी नहीं दी गई और लिपिक नहीं होने की बात कही। वहीं संस्थाप्रधान चारण ने कहा कि विभागीय मापदंड से एक रुपया भी अधिक नहीं लिया है। विद्यालय सौन्दर्यीकरण के लिए क्राउड फंडिंग की सबसे अपील की थी। ली गई फीस की सबको रसीद दी जाती है। गांव के दलगत राजनीति से प्रेरित होकर विद्यालय को मुद्दा बनाया जा रहा है।
हरिदेव जोशी कन्या कॉलेज : व्याख्याता ने छात्रा को छात्र समझकर टोका, तू लडक़ी है तो लडक़ी की तरह रहा कर… और मच गया बवाल यहां भी हुआ विवादइधर, राउमावि बोड़ीगामा में एक छात्रा के साथ दुव्यर्वहार करने का आरोप विद्यालय की एक शिक्षिका पर लगाया है। छात्रा के परिजन राजेश कुमार ने आरोप लगाया कि उसकी भानजी को काफी देर तक कक्षा में अकेले बिठाए रखा। शिकायत के बाद भी संस्थाप्रधान ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं संस्थाप्रधान राजीव जुआ ने कहा कि छात्रा शारीरिक रूप से कमजोर है। प्रार्थना सभा में चक्कर आने के कारण रो रही थी तो उसे कमरे में ले जाकर बिठाया। वहां वह डर गई। उन्होंने बताया कि छात्रा पहले नौंवी कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गई थी। अन्यत्र विद्यालय में अध्ययन करने व उत्तीर्ण होने के बाद उसका पुन: यहां प्रवेश कराया है। छात्रा के परिजनों से कहा कि है कि शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण चक्कर आने जैसी समस्या होती है। अंधविश्वास में पडऩे की बजाय चिकित्सक से छात्रा का उपचार कराएं।