इससे हरआयु वर्ग के लागों में जश्न का उत्साह दूर से ही दिखाई पड़ रहा था। मुस्लिम समुदाय की ओर से ईद मिलादुन्नबी का शाही जुलूस सुबह ग्यारह बजे शहर की अंजुमन इस्लामिया जामा मस्जिद उठाया गया। जो पारंपरिक रास्तों से गुजरता हुआ गांधीमूर्ति होता हुआ कस्टम चौराहा पहुंचा जहां से वापस पृथ्वीगंज होता हुआ शहर के रास्तों से जुलूस जामा मस्जिद पहुंचा।
जगह-जगह लहराया तिरंगा
इस अवसर पर जुलूस में बड़ी तादात में मुस्लिम समुदाय के हर आयुवर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। जुलूस को बड़े पैमाने पर हरी झडिंया से पाटा गया। कई जगह कौमी एकता का प्रतीक तिरंगा भी लहराता दिखाई पड़ा। करीब एक किलोमीटर के जुलूस में जगह-जगह ढोल-नगाड़ों की करतल ध्वनियां, बैंड-बाजों की धुनें एवं पैगम्बर साहब के नारे लगते दिखाई पड़े, जिसमें समुदाय विशेष का हर शख्स जश्न में डूबा हुआ था। इनके साथ ही जुलूस में ऊंट गाडि़या, घोड़ों पर सवार नन्हें-नन्हें बच्चे, जीप कार तथा टैम्पो भी खासे आकर्षण का केन्द्र रहे, जिनको रंग बिरंगी पताकाओं से संजाया गया था।
इस अवसर पर जुलूस में बड़ी तादात में मुस्लिम समुदाय के हर आयुवर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। जुलूस को बड़े पैमाने पर हरी झडिंया से पाटा गया। कई जगह कौमी एकता का प्रतीक तिरंगा भी लहराता दिखाई पड़ा। करीब एक किलोमीटर के जुलूस में जगह-जगह ढोल-नगाड़ों की करतल ध्वनियां, बैंड-बाजों की धुनें एवं पैगम्बर साहब के नारे लगते दिखाई पड़े, जिसमें समुदाय विशेष का हर शख्स जश्न में डूबा हुआ था। इनके साथ ही जुलूस में ऊंट गाडि़या, घोड़ों पर सवार नन्हें-नन्हें बच्चे, जीप कार तथा टैम्पो भी खासे आकर्षण का केन्द्र रहे, जिनको रंग बिरंगी पताकाओं से संजाया गया था।
जगह-जगह स्वागत
शाही जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। कुछ जगहों पर पुष्पवर्षा हुई तो कहीं जलपान, रस वितरण हुआ। इनके साथ कई जगहों पर खाद्य सामग्री का भी वितरण हुआ। जुलूस में सबसे ज्यादा आकर्षण बच्चों एवं बड़ों की वेशभूषा भी रही।
शाही जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। कुछ जगहों पर पुष्पवर्षा हुई तो कहीं जलपान, रस वितरण हुआ। इनके साथ कई जगहों पर खाद्य सामग्री का भी वितरण हुआ। जुलूस में सबसे ज्यादा आकर्षण बच्चों एवं बड़ों की वेशभूषा भी रही।