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बांसवाड़ा : बेटे की चाह में पांच बेटियों की मां ने किया था अस्पताल से नवजात का अपहरण

Banswara Crime News : फर्जी नर्स बन 500 रुपए देकर नवजात की मां को लिया था विश्वास में, शंभुपुरा में पकड़ी गई पुलिस की नाक में दम करने वाली आरोपी महिला, जिला पुलिस को साझा प्रयासों से मिली बड़ी सफलता

बांसवाड़ाMar 02, 2021 / 06:44 pm

Varun Bhatt

बांसवाड़ा : बेटे की चाह में पांच बेटियों की मां ने किया था अस्पताल से नवजात का अपहरण

बांसवाड़ा : बेटे की चाह में पांच बेटियों की मां ने किया था अस्पताल से नवजात का अपहरण

बांसवाड़ा. टीका लगवाने के बहाने बड़़लिया से महिला को बुलवाकर उसके 19 दिन के मासूम का धोखे से अपहरण करने के चर्चित मामले का पुलिस ने 48 घंटे के भीतर खुलासा कर आरोपी फर्जी नर्स को मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पांच बेटियों की मां है। बेटे की चाहत में उसने साजिश के तहत यह वारदात की। अपने जिगर का टुकड़ा मिलते ही नवजात की मां अनिता की खुशी देखते ही बनी। दोपहर बाद इसे लेकर पुलिस अधीक्षक कावेंद्रसिंह सागर, डीएसपी गजेंद्रसिंह राव और कोतवाली सीआई मोतीराम सारण ने बताया कि 28 फरवरी को मलवासा निवासी अर्जुन पुत्र मालूण बामणिया की रिपोर्ट पर दर्ज प्रकरण में अनुसंधान के दौरान शहर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज काफी मददगार रहे। इनसे सोमवार को महिला की स्पष्ट तस्वीर मिलने पर उसे सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए प्रसारित की गई। इसके फलस्वरूप समान हुलिए की महिला शंभुपुरा गांव में होने की सुबह इत्तला मिली। इस पर पुलिस दल ने पहुंचकर सुभाष पुत्र वेलजी खांट के घर की तलाशी ली तो उसकी पत्नी ललिता उर्फ लल्ली की गोद में बच्चा मिला। इस पर बालक दस्तयाब कर महिला को गिरफ्तार कर कोतवाली लाया गया।
दादी से सुनी दूसरे पोते की बात, तो जगी लालसा
एसपी सागर ने बताया कि थाने लाकर पूछताछ में लल्ली ने वारदात के कारणों का खुलासा किया। उसने बताया कि शादी को हुए 11 वर्षों में पांच बेटियां हुईं, लेकिन एक भी बेटा नहीं हुआ। इसकी टीस बनी रही। हाल ही अर्जुन की मां कनी एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने मलवासा से शंभुपुरा आई। वहां उसने अन्य महिलाओं के बीच बातों-बातों में बताया कि अर्जुन के एक बेटा पहले था, दूसरा और हुआ है। यह सुनकर बेटा पाने की उसकी लालसा बढ़ गई। फिर योजना के तहत 27 फरवरी को वह अकेली ही टैम्पो से अनिता के पीहर बड़लिया गई और अनजान बाइक सवार से लिफ्ट लेकर उसके घर तक पहुंचने के बाद खुद को नर्स बताकर टीकाकरण के लिए बच्चे को बांसवाड़ा लाने को कहकर 500 रुपए दिए और विश्वास में लिया।

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