दर्दनाक : परिजनों के ताने सुनकर तैश में आए पिता ने दो बच्चों को तालाब में धकेलकर की हत्या, देखें वीडियो… पूछताछ में गुड्डी ने वारदात कबूल कर बताया कि दो दिन पूर्व घर में राशन का सामान खत्म हो गया, तो वह देवर वरसेंग के घर में चोरी की नियत से घुसी। बागड़ तोडकऱ घुसते समय हुई आवाज से उसकी सास जाग गई, तो उसे भागना पड़ा। हड़बड़ाहट में उसकी चप्पलें छूट गई। फिर गांव के लोग एकत्र हुए, तो चप्पलें चोर की होने का शक हुआ। भीड़ से चप्पलें किसकी है, सवाल उठा, तो वहां खड़ी माया ने पहचान कर कह दिया कि ये गुड्डी भाभी की हैं। इसके चलते पूरे गांव के सामने गुड्डी को जलालत सहनी पड़ी। इससे खफा होकर कुछ दिखाने के बहाने बच्ची को ले जाकर कुएं में धक्का दे दे दिया। प्रकरण में दस गवाह और प्रदर्श पेश किए गए। सुनवाई के बाद एडीजे कुलदीप सूत्रधार ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी गुड्डी को भादसं की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया और उसे आजीवन कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। प्रकरण में सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक शाहिद खान पठान ने की।