दीपेश की मौत की सूचना परिवार एवं समाज में आग की तरह फैली, जिसने भी यह बात सुनी सन्न रह गया। इकलौते बेटे की मौत पर परिजनों का बुरा हाल हो गया। रोते बिलखते परिजनों को समाज के लोगों ने ढाढ़स बंधाया। दीपेश इकलौता पुत्र था। उसकी बड़ी दो बहिनें हैं और दीपेश घर में सबसे छोटा था। पूर्व राज्यमंत्री भवानी जोशी इस हादसे को लेकर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करे। ऐसा नहीं होने पर जन आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को ढाढस बंधाया।
मानसून के दौर में पानी जनित हादसों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। जिले में जलाशयों में पानी की आवक हो रही है और झरने चल रहे हैं। कड़ेलिया, चाचा कोटा, कागदी पिकअप, माही डेम, सुरवानिया जुआ फाल, सहित कई छोटे-बड़ लोग पिकनिक का आनंद लेने पहुंच रहे हैं लेकिन निगरानी और सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं है। इससे हादसे की आशंका बनी हुई है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
परिजनों ने बताया कि दीपेश की जनवरी माह में शादी होने वाली थी। इसके लिए परिजनों की ओर से बैंड-बाजे से लेकर वाटिाक एवं अन्य सभी तैयारियां भी कर ली थी। साथ ही परिजनों ने उसकी शादी को लेकर कई सपने भी संजोये रखे थे, लेकिन उसकी मौत से सपनों पर पानी फिर गया। परिजनों ने बताया कि दीपेश के पिता कुवैत में सिलाई का कार्य करते हैंं। उनको सूचना भिजवा दी गई है। उनके आने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हादसे के बाद परिजनों ने कहा कि पानी का अचानक वेग आ गया जिससे दीपेश पानी में बह गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि कागदी का अचानक दूसरा गेट खोलने की वजह से पानी की आवक ज्यादा हुई थी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश संगठन मंत्री अतीत गरासिया ने कहा कि मोक्ष धाम एनिकट के पास कागदी के गेट बगैर सूचना और सायरन बजाए ही खोल दिए गए। इससे अचानक पानी की आवक होने से युवक उसमें बह गया। वहीं दूसरा युवक घायल हो गया।
वहीं दूसरी ओर माही के अधीक्षण अभियंता जीतेन्द्र वर्मा ने बताया कि नहर में किसी के डूबने की सूचना आई थी। इस पर तत्काल प्रभाव से कागदी के गेट को बंद करवा दिया गया था। अधिषासीअभियंता निरंजन लाल मीणा ने बताया कि कागदी पिकअप वियर का एक गेट सोमवार से बीस मीटर खुला हुआ है, जिससे करीब 245 क्यूसेक पानी निकल रहा है। इसका कागदी पर रजिस्टर भी मैंटनेट किया जा रहा है। दूसरा गेट तो खोला ही नहीं गया। अगर कोई कहता है कि दूसरा गेट खोला है तो अभी इतनी बरसात भी नहीं हुई है, जिससे दूसरा गेट खोलने की नौबत आए।