राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम जिला क्षय रोग अधिकारी डा एके वर्मा ने बताया जनपद में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सधन निक्षय पोषण अभियान चल रहा है। अभियान के तहत मरीजों का खाता संख्या, आधार आईडी समेंत अन्य दस्तावेजो की त्रुटि को सही कराके उक्त पोषण की धनराशि खाते में सीधे भेजी जा रही है। उन्होंने बताया एक अप्रैल से इलाज कराने आए नए मरीजों के लिए इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत लाभार्थियों को पांच सौ रुपये का की धनराशि प्रति माह दिया जाएगा। उक्त सहायता की धनराशि डीबीटी स्कीम के माध्यम से सीधे मरीजों (लाभार्थियों) के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। वर्तमान में उन टीबी मरीजों को जिनका कैट प्रथम श्रेणी का टीबी इलाज चलता है, उन्हें छह माह तक, कैट द्वितीय श्रेणी के टीबी मरीजों का आठ माह का और एमडीआर मरीजों को 24 माह तक का इलाज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना से वह मरीज लाभान्वित होंगे, जिनका इलाज चल रहा है, उन्हें एक अप्रैल 2018 से उक्त योजना का लाभ मिलेगा। टीबी के वह सभी मरीज जिनका इलाज एक अप्रैल के उपरांत शुरु हुआ है।
एक सार्थक पहल सीएमओ डॉ बीकेएस चौहान का बताते है कि सरकार ने टीबी जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय पोषण योजना शुरू कर एक सार्थक पहल की है। जनपद को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का दृढ़ निश्चय किया गया है। इसके लिये सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत हैं। विभाग की ओर टीबी मरीजों को नि:शुल्क सुविधाएं दी जा रही हैं। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान प्रति माह 500 रूपये उनके खाते में डाले जाते हैं। इसके तहत समय से दवा व बेहतर खानपान से क्षय रोगियों की सेहत जल्द सुधरेगी।
पंजीकरण जरूरी डीटीओ ने बताया कि निक्षय योजना में पंजीकरण के लिये आधार कार्ड, निर्वाचन पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस (इनमें से कोई एक), खाते की पासबुक, टीबी जांच की रिपोर्ट, चिकित्सक की ओपीडी की जांच रिपोर्ट लाना आवश्यक है।
टीबी के प्रमुख लक्षण दो सप्ताह से लगातार खांसी आना, बुखार होना, रात में पसीना आना, भूख न लगना, वजन में गिरावट आने समेंत कुछ अन्य लक्षण पाये जाते है। जिले में स्थिति
स्थानीय जनपद में अप्रैल 2020 से अब तक कुल1794 टीबी मरीज चिन्हित है, चल रहे विशेष अभियान केतहत 294 रोगी मिले थे। इनका अस्पताल में नियमित उपचार हो रहा है। इसके साथ ही वर्ष 2019-2020 के वर्तमान समय में कुल 6272 टीबी मरीज चिन्हित थे, जिनका उन्नमूलन कार्यक्रम के तहत निरन्तर उपचार किया गया, इसके फलस्वरूप वे स्वस्थ्य हो सके।