राजभर ने कहा कि सरकार विकास की बजाय मंदिर और कुम्भ की तरफ जनता का भटका रही है। वहीं सरकार को अल्टीमेटम देकर कहा कि अगर सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कर पिछड़ों के आरक्षण बंटवारे की घोषणा सरकार ने नहीं कि, तो वे भाजपा से अलग होकर 25 फरवरी को सभी 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा करेंगे।
कुंभ में खर्च कर सकते हैं मगर गरीबों पर नहीं ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि योगी जी के पास गरीबों पर खर्च करने के लिए पैसा नहीं है। मगर कुम्भ और मन्दिर पर खर्च करने के लिए खजाना खोल देते हैं। 2000 करोड़ रुपये गरीबों पर खर्च कर देते तो सबका भला हो जाता। मगर गरीबों पर यह रुपये खर्च न कर उन्होंने कुंभ पर खर्च कर दिया।
मुख्यमंत्री के लिए राजभर ने कही यह बात राजभर ने कहा कि योगी जी गोरखपुर पीठ के महंत है जहां 10 लाख रुपये रोज चढ़ावा आता है। मगर उनका इससे पेट नहीं भरा, तो दिल्ली में लोकसभा सदस्य बनकर चले गए। जब वहां भी कुछ नहीं हुआ तो लखनऊ के मन्दिर आ गए और मुख्यमंत्री बनकर बैठ गए। अब जब भी उनसे हम विकास की बात करते हैं, तो कहतें है कि अयोध्या में मन्दिर बन जायेगा तब विकास होगा लेकिन मंदिर से किसी का विकास हुआ है क्या।
अति पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले गठबन्धन पर राजभर ने कहा कि मौजूदा समय में देश गठबंधन से जूझ रहा है। उसी क्रम में सपा बसपा का भी गठबन्धन हुआ है। राजभर ने कहा कि वह 10 प्रतिशत सवर्णों के आरक्षण पर खुश हैं। अब प्रदेश में अति पिछड़ों को भी आर्थिक आरक्षण 27 प्रतिशत के बाद दिया जाना चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर अति पिछड़ों का वोट निर्णायक है, जो सपा में या बसपा में भी जाता है।