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बाराबंकी

अभिभावकों की मुट्ठी बंद, कैसे हो बच्चों का कोर्स

अभिभावकों की जेब से रुपए नहीं निकलने से जिले के 281 सरकारी व मॉडल स्कूलों में आरएससीआईटी कोर्स से विद्यार्थी लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में बार

बाराबंकीJan 13, 2018 / 12:05 pm

Shivbhan Sharan Singh

kota

Parents fist off how do childrens course

बारां. अभिभावकों की जेब से रुपए नहीं निकलने से जिले के 281 सरकारी व मॉडल स्कूलों में आरएससीआईटी कोर्स से विद्यार्थी लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में बारां जिला प्रदेश में भी पिछड़ता जा रहा है। वर्तमान में क्लिक योजना संचालन में बारां जिला प्रदेश में 28वें स्थान पर है। योजना संचालन के लिए शिक्षा विभाग ने जनसहयोग मांगा लेकिन कोई आगे नहीं आया। बच्चों को आरएससीआईटी का कोर्स सिखाने के लिए क्लिक योजना के तहत जिले के 277 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों व 7 मॉडल स्कूलों को आरकेसीएल कंपनी से अनुबंध करना था। यह कोर्स कक्षा 6 से 10वीं के छात्र-छात्राओं को 10 माह तक कराना था। इसकी शुरुआत जुलाई से करानी थी। कोर्स कराने के लिए कक्षा 6 से 8वीं के छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 80 रुपए व कक्षा 9 व 10वीं के छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 110 रुपए देने थे। इस फीस का भुगतान छात्र-छात्राओं के परिजनों को करना था। फीस भरने के लिए स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने छात्र-छात्राओं के घर सूचना भिजवाई लेकिन अभिभावकों ने रुपए देने से मना कर दिया। ऐसे में काफी प्रयासों के बाद मात्र 3 स्कूलों में कोर्स शुरू हो पाया है।
यह कोर्स संचालित
किशनगंज व छबड़ा मॉडल स्कूल व मांगरोल उच्च माध्यमिक स्कूल में वर्तमान में यह कोर्स चल रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या कम से कम 100 है। वहां कोर्स अनिवार्य रूप से कराना है। यदि कही छात्र-छात्राओं की संख्या कम है तो अन्य कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया जा सकता है। रमसा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक भागीरथ मीणा ने बताया कि आरएससीआईटी का कोर्स सिखाने के लिए अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों से सहयोग मांगा गया है।
जनप्रतिनिधियों से नहीं मिला सहयोग
फीस देने के लिए प्रधानाचार्यों ने अभिभावकों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन अभिभावकों ने ध्यान नहीं दिया। आखिर में थक हारकर जिले के विधायकों से फीस चुकाने के लिए सहयोग मांगा। विधायकों ने भी नए सत्र से बजट देने का आश्वासन दिया।

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