अस्पताल आने में डर बाराबंकी के सीएमओ डा बीकेएस चौहान बताया ने कि अभी परिस्थितिवश लोग अस्पताल आने में डर रहे हैं। मुख्यतः गर्भवती महिला प्रसव के लिए केन्द्रों पर आ रही हैं लेकिन जांच के लिए नहीं। जबकि गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले खतरों से मातृ एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच बहुत जरूरी है। उन्होने बताया प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने वीडियो के माध्यम से खुद सभी से अनुरोध करते हुये कहा है कि कोरोना संक्रमण बाधा है, परंतु सतर्कता के साथ गर्भवती माँ को ख़ास होने का एहसास दिलाते हुए प्रत्येक नौ तारीख़ को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में लायें और निःशुल्क जाँचों और सेवाओं का अवसर ना गँवायें। साथ ही आशाओं को ज़िम्मेदारी दी गयी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर जांच जरूर करवाएँ। उन्होने कहा कि गर्भवती आपदा से न घबराएँ और केन्द्रों पर टीकाकरण और जांच के लिए जरूर आयें।
बरतें पूरी सतर्कता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम अम्बरीश द्विवेदी.ने बताया कि त्योहारों का समय है और महामारी का दौर भी, अतः पूरी सर्तकता के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी त्योहार की तरह मनायें। जनपद को कल यानी समोबार को 2, 500 गर्भवती महिलाओं को जांच कराने का लक्ष्य दिया गया है, और यह सभी की भागीदारी से संभव हो पाएगा।
खतरों से बचाती है प्रसव पूर्व जांच सीएमएस डा संगिता श्रीवास्तव कहना है कि किसी भी गर्भावस्था में जहाँ जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है। और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।