सचेत रहने की जरूरत
उन्होंने बताया कि बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए उनके प्रति सचेत होने की ज्यादा जरूरत है। अभिभावक ध्यान दें कि बच्चे घर से बाहर पूरे कपड़े पहनकर जाएं। अपने आसपास कहीं पर भी पानी एकत्र न होने दें। अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो। उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन चिकित्सक को दिखाएं।
मच्छरों के लिए करें उपाय
उन्होने परामर्श देते हुए कहा कि बच्चों को डेंगूं बुखार से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें। तेल और मसालेदार वाले खाने से परहेज करने के साथ हल्का और पौष्टिक भोजन दें। घर के बाहर नीम की पत्तियां या नारियल की छाल को जलाकर मच्छरों को दूर भगा सकते हैं। घर और आसपास के इलाके को स्वच्छ रखें। इसके अलावा मच्छर होने पर मच्छरदानी का प्रयोग करें। अपने आस-पास पूर्ण स्वच्छता रखें। समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराएं।
समय पर कराएं टीकाकरण
शिशु का टीकाकरण समय पर करायें। ठन्ड़ के समय हमेशा शिशु के सर व पैर हमेशा ढक कर रखे। जिससे उन्हें ठन्ड़ आसानी से न पकड़ सके। बच्चों में ज्यादा दिन तक रहने वाला सर्दी,जुखाम निमोनिया भी हो सकता है। इसीलिए बच्चे के लिए लापरवाही न बरते, समय से इलाज करे।यदि बच्चा नवजात शिशु हैं तो उसे, रोगों की प्रतिरोधी क्षमता बनाये रखने के लिए उसे स्तनपान कराएं क्योंकि नवजात शिशु को हर बीमारी से मां का दूध बचा सकता है।