जनता दौड़ा-दौड़ाकर मारेगी बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत ने हैदरगढ़ में घरकुइंया गांव के प्राथमिक विद्यालय में चौपाल लगाकर लोगों की समस्या सुनीं। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जनता को ठगने वाले खुद को जनसेवक बताकर वोट के ठेकेेदार बन जाते हैं। ऐसे लोगों से आप लोगों को सावधान रहना होगा। इस दैरान प्रियंका रावत ने बिना नाम लिए पार्टी में अपने विरोधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को समझना चाहिए कि वे लोकतंत्र की बदौलत हैं। लोकतंत्र को अगर कोई कमजोर करके जनता को परेशान करेगा तो यही पब्लिक दौड़ा-दौड़ा कर इतना पीटेगी कि थे की जगह था हो जाएंगे। जनता का हक छीनोगे तो पता नहीं चलेगा कि कहां चले गए। उन्होंने कहा केंद्र और प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। कार्यकर्ता लोगों को योजनाओं की जानकारी देकर उसका लाभ दिलाएं।
सांसद को दलित से नहीं दौलत से मतलब वहीं जिले की राजनीति में सांसद प्रियंका सिंह रावत के धुर विरोधी माने जाने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक सुंदर लाल दीक्षित ने उनकी चौपाल के कार्यक्रम पर कहा कि ये उनका व्यक्तिगत कार्यक्म है कि वह कहां जाती हैं। इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। हम एक अनुशासित दल के सिपाही हैं, जनता और कार्यकर्ताओं के बीच में जाएंगे। अपने क्षेत्र में दलित का एक मामला सामने आने पर प्रियंका सिंह रावत वहां नहीं आईं, इस सवाल पर सुंदर लाल दीक्षित ने दो टूक शब्दों मे कहा कि उनको दलित से नहीं दौलत से मतलब है। प्रियंका सिंह रावत को जहां दौलत मिलती है वो वहां जाती हैं, जहां दलित और गरीब हैं वह वहां नहीं जातीं।
दलितों को लेकर कुछ नहीं करना चाहती सांसद वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक सुंदर लाल दीक्षित के लड़के पंकज दीक्षित ने बीजेपी सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रियंका सिंह रावत अपने आप को दलिक का नेता बताती हैं लेकिन वह उनके लिए कभी खड़ी नहीं होती। हमारे क्षेत्र में दलित के साथ जो मारपीट का मामला सामने आया था उसके बाद सांसद महोदया उसके पास नहीं गईं और न ही अपनी चौपाल के कार्यक्रम के दौरान वहां जाने की कोशिश की। पंकज दीक्षित ने आरोप लगाया कि प्रियंका रावत खुद को दलितों का नेता बताती हैं लेकिन उनके लिए कुछ करना नहीं चाहतीं।